डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती: यूपी के इस जिले में इंटरनेट बंद, चार लोग इकट्ठा हुए तो जाना पड़ेगा जेल मुस्लिम-दलित समीकरण जीत में निभाते हैं अहम रोल कैराना में मुस्लिम और दलित समीकरण चुनावी जीत में अहम रोल निभाते हैं। पिछले चुनाव में भाजपा सांसद और दिवंगत नेता हुकुम सिंह ने कैराना में पलायन का मुद्दा छेड़कर चुनाव को गरमा दिया था। इस कारण चुनाव का ध्रुवीकरण हो गया था और हिन्दु-मुस्लिम दो खेमे में बंट गए थे। इस उपचुनाव में परिस्थिति 2014 से बिल्कुल जुदा है। उपचुनाव लड़ने वाले हुकुम सिंह नहीं उनकी बेटी मृगांका सिंह हैं और दलित वोट भाजपा से नाराज चल रहा है। कांता कर्दम भाजपा की दलित कोटे से सांसद हैं इसलिए पार्टी ने उनको कैराना में दलितों के बीच पैठ बनाने के उद्देश्य से उतारा है।
आईपीएस अधिकारी पर आया महिला वकील का दिल तो सबके सामने एेसे किया प्यार का इजहार यह है वोटों का गणित कैराना में शुरू से भाजपा, सपा और बसपा में कांटे की टक्कर रही है। हुकुम सिंह का यहां की राजनीति में अच्छा रसूख रहा है, जबकि सपा के दिवंगत सांसद और मुलायम सिंह के खास कहे जाने वाले मुनव्वर हसन भी कैराना की राजनीति में दखल रखते थे। यहां का चुनाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए बड़ा दिलचस्पी वाला होता था। मुनव्वर हसन की तरफ से राजनीतिक विरासत उनके पुत्र नाहिद हसन ने संभाली है। नाहिद इस समय सपा में हैं। हुकुम सिंह की राजनीतिक विरासत उनकी बटी मृगांका सिंह संभाल रही हैं। वोटों की बात करें तो अकेले थाना भवन में ही करीब एक लाख मुस्लिम वोटर हैं। यहां पर दूसरे नंबर पर दलित वोट करीब 75 हजार हैं। इस सीट पर जाट वोटरों की संख्या 50 हजार और ठाकुर वोटों की संख्या 25 हजार है।
कैंडल मार्च निकालने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने मांगी माफी, जानिए क्यों जयंत चौधरी के लड़ने की भी चर्चा भाजपा को अगर पलायन मुद्दे का लाभ मिलता है तो वोटो का ध्रुवीकरण होगा। वैसे इस बार गठबंधन के लिहाज से बसपा-सपा और कांग्रेस तीनों मिलकर अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। रालोद की तरफ से जयंत चौधरी के मैदान में उतरने की चर्चा है। वह गठबंधन का हिस्सा भी हो सकते हैं। वहीं इस बारे में सांसद कांता कर्दम ने बताया कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह उस जिम्मेदारी को पूरी इमानदारी और निष्ठा के साथ निभाएंगी। कैराना उपचुनाव की जीत के लिए पार्टी ने अपनी अलग रणनीति बनाई है। इसके तहत ही उन्हें कैराना भेजा गया है।