यह भी पढ़ेंः एसएसपी के सामने पसीना-पसीना हो गए थानेदार, मिली यह चेतावनी यह भी पढ़ेंः युवक की नौकरी को लेकर टूटा था रिश्ता, कोर्ट मैरिज के बाद बेटी ने अपने परिजनों के खिलाफ की यह शिकायत इसलिए माना जाता है भाजपा का गढ़ 2009 आैर 2014 में भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल ने मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट पर जीत हासिल की थी। इसके अंतर्गत मेरठ शहर, मेरठ दक्षिण, मेरठ कैंट, किठौर आैर हापुड़ विधान सभा की सीटें हैं। यहां भाजपा उम्मीदवार को दो बार जीतना साबित करता है कि भाजपा का यह किस कदर मजबूत किला बना हुआ है, लेकिन कैराना लोक सभा उपचुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार की भाजपा पर जीत से यहां भी महागठबंधन का खतरा मंडराने लगा है। 2009 में भाजपा के उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल ने 47,146 वोट से जीत हासिल की थी। यदि सपा, बसपा आैर कांग्रेस का गठबंधन देखें तो इन्हें मिले वोट कहीं ज्यादा थे। इसी तरह 2014 में भाजपा उम्मीदवार को 5,32,981वोट मिले थे आैर जीत हासिल की थी। इसमें बसपा उम्मीदवार को 3,00,655 सपा उम्मीदवार को 2,11,759आैर कांग्रेस उम्मीदवार को 42,911 वोट मिले थे। यदि इनका जोड़ देखा जाए तो यह 5,55,325वोट है। महागठबंधन आैर भाजपा उम्मीदवार का 22,344वोट का अंतर महागठबंधन के पक्ष में जाता है। लोक सभा चुनाव 2019 में अगर यही समीकरण रहे, तो कैराना जैसे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।