यह भी पढ़ें : ट्रेन में छूटा यात्री का जूता, ढूंढने के लिए दौड़ पड़े आरपीएफ के जवान पत्नी से करते थे दिन में दो बार बात शहीद जेसीओ राम सिंह दिन में दो बार अपने घर फोन कर हाल समाचार लेते थे। शहीद होने से पहले राम सिंह ने सोमवार को अपनी पत्नी अनिता को शाम को आठ बजे फोन किया था और सभी बच्चों के बारे में पूछा था। इतना ही नहीं अंत में जेसीओ ने भी कहा था अब वे छह महीने बाद रिटायर हो जाएंगे तो सभी बच्चों के साथ एक बार घूमने चलेंगे। उन्होंने पत्नी से कहा था कि वे बच्चों से पूछ ले कि कहां घूमने चलना है, लेकिन बच्चों के साथ घूमने जाने से पहले ही उनके पिता ऐसी लंबी यात्रा पर चले गए जहां से वापस नहीं लौटा जा सकता है।
पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल जेसीओ की पत्नी अनिता का और बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है। बेटा सोलन भंडारी ने खुद को संभाला हुआ है और अपनी मां और बहनों को दिलासा दिला रहा है। राम सिंह के पांच बच्चों में दो बेटी प्रियंका रावत और करिश्मा नेगी की शादी हो चुकी है। सात साल से उनका परिवार ईशापुरम के बी-28 में रह रहा है। बेटा सोलन एमकॉम की पढ़ाई करते हुए सीडीएस की तैयारी कर रहा है। छोटी बेटी मीनाक्षी और मनीषा पढ़ रही हैं। राम सिंह 27 जुलाई को एक माह की छुट्टी के बाद जम्मू गए थे। वे राष्ट्रीय राइफल्स रेजीमेंट में तैनात थे, इसलिए आतंकी ऑपरेशन में उनका अक्सर आना-जाना रहता था।
मिली थी घायल होने की जानकारी बेटा सोलन का कहना है कि पिता आतंकी ऑपरेशन में जाते रहते थे। वहां से वापस लौटकर फोन कर सेना के ऑपरेशन की जानकारी देते थे। इस बार भी वे सभी पिता के फोन का इंतजार कर रहे थे, लेकिन फोन आर्मी क्वार्टर से आया जिसमें पिता के घायल होने की जानकारी दी थी। उसके कुछ घंटे बाद उनके शहीद होने की जानकारी दी गई।
BY: KP Tripathi
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