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Krishna Janmashtami 2021 Date : जन्माष्टमी पर राशि के अनुसार करें श्रीकृष्ण की पूजा, जाग जाएगा सोया हुआ भाग्य
पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार जन्माष्टमी पर रात 12 बजे श्रीकृष्ण के बाल रूप को नार वाले खीरे के साथ जन्म कराएं। नार वाला खीरा देवकी मां के गर्भ का प्रतीक माना जाता है। श्रीकृष्ण के जन्म के बाद शंख से दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का अभिषेक करें। अभिषेक के बाद कन्हैया को साफ लाल कपड़ा पहनाएं, सिर पर मुकुट लगाकर झूले में बैठाएं। जन्माष्टमी के दिन छोटे कान्हा को मक्खन और मिश्री चढ़ाएं। साथ ही कान्हा की पूजा में तुलसी का प्रयोग करें। एक से पांच साल की उम्र के बीच के किसी भी बच्चे को अपनी उंगली से मक्खन और मिश्री को चटाएं। इसके आप कन्हैया को भोग अर्पित करने की अनुभूति होगी। यह भी पढ़ें