मेरठ

VIDEO: यूपी के इस जनपद की मिठाइयों पर उठाए सवाल, जांच टीम ने अफसरों को बताया लापरवाह

Highlights

विधान परिषद की जांच टीम पहुंची मेरठ
खाद्य विभाग की कार्यशैली पर उठाए सवाल
अनदेखी की वजह से बच जाते हैं मिलावटखोर

 

मेरठNov 12, 2019 / 02:52 pm

sanjay sharma

मेरठ। मेरठ जनपद में खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाइयों पर रोकथाम के लिए विधान परिषद समिति के चेयरमैन साहब सिंह सैनी ने मेरठ का दौरा किया, क्योंकि यहां बनने वाली मिलावटी मिठाइयों की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई है। चेयरमैन साहब सिंह सैनी का कहना है कि मेरठ से ट्रकों में भरकर रसगुल्ले दिल्ली को जाते हैं। इनमें बड़ी मात्रा में मिलावट होती है, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी की वजह से कार्रवाई नहीं होती।
यह भी पढ़ेंः शादी के दौरान किए ये चार काम तो जाना पड़ सकता है जेल, पुलिस ने शुरू की सख्ती

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि 2025 तक कैंसर रोगियों में से 87 फीसदी मामले मिलावटी खाद्य पदार्थो की वजह से होंगे। यह संख्या 2014-15 में 38 फीसदी थी, लेकिन 2017-18 में 51 फीसदी तक पहुंच गई। स्थिति सुधारने को प्रशासन कदम नहीं उठा रहा है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 68.7 फीसद दूध नकली मिल रहा है। जिन मेडिकल स्टोरों के दवाओं के सैंपल फेल होते रहते हैं, उन पर भी कार्रवाई नहीं होती। यदि तीन बार किसी का सैंपल फेल हो तो उसे सील कर देना चाहिए।
यह भी पढ़ेंः Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, इस बार ये है खास, देखें वीडियो

समिति में राम वृक्ष सिंह यादव व सुरेश कुमार त्रिपाठी शामिल थे। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह ने मिलावटखोरी रोकने के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन समिति के चेयरमैन को दिया। समिति ने बताया कि मेरठ शहर के लाला का बाजार में नकली मावा बनाया जाता है। सरधना व परीक्षितगढ़ में भी नकली मावे से बने रसगुल्ले दिल्ली भेजे जाते हैं। बाद में चेयरमैन व टीम के सदस्यों ने अधिकारियों से वार्ता की। विदित है कि दिवाली पर कई कुंतल मिलावटी मिठाइयां पकड़ी गई थी और उनके सेंपल लेने के बाद गड्ढों में दबाया गया था।

Hindi News / Meerut / VIDEO: यूपी के इस जनपद की मिठाइयों पर उठाए सवाल, जांच टीम ने अफसरों को बताया लापरवाह

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.