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कभी मिलते थे दस के छह, आज मिल रहे दस रुपये के तीन गोलगप्पे जो कि कभी दस रुपये में छह मिलते थे आज वहीं दस रुपये में तीन मिल रहे हैं। यानी गोलगप्पों पर भी महंगाई की मार दो गुनी हो गई है। वहीं सूजी के गोलगप्पे जो कि दस रूपये के चार मिलते थे आज वहीं गोलगप्पे 10 रुपये के दो मिल रहे हैं। यानी सूजी हो या फिर आटे के दोनों ही प्रकार के गोलगप्पों पर महंगाई ने अपना असर छोड़ा है। पहले हर दूसरे दिन खाते थे, लेकिन अब महीने में एक बार गोल गप्पे की दुकान पर गोलगप्पे का मजा ले रही शताक्षी ने बताया कि गोलगप्पे काफी महंगे हो गए हैं। पहले दस रुपये के 6 मिलते थे अब तीन ही मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि वो पहले दूसरे-तीसरे दिन गोलगप्पे खातीं थीं। लेकिन अब महंगाई के कारण 15 दिन या फिर महीने में एक बार ही खा रही हैं।