बुधवार यानी 17 अक्टूबर को ऐसे ही हनीट्रैप के शिकार भारतीय सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया गया। यह जवान मेरठ छावनी स्थित सिग्नल रेजिमेंट में सिग्नलमैन के पद पर तैनात जवान था। उसे बुधवार को सेना पुलिस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जानकारियां जुटाने और साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया। सुत्रों के मुताबिक गिरफ्तार जवान से कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई है। हालांकि, सेना ने पकड़ गए इस गद्दार सैनिक का नाम उजागर नहीं किया है। गौरतलब है कि इस मामले के उजागर होने के बाद सिग्नल रेजिमेंट से जुड़े तमाम कार्यालयों में जांच-पड़ताल की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक जासूसी करते पकड़ गए सैनिक के अलावा भी कुछ अन्य सैनिकों से अलग-अलग स्थान पर पूछताछ चल रही है। इस मामले में सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जाएगी। पकड़ गए सिपाही के अलावा अन्य लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।
इससे पहले 8 अक्टूबर को भी जासूसी के मामले में ब्रह्मोस एयरोस्पेस के इंजीनियर निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। तब यूपी एटीएस और महाराष्ट्र एटीएस ने संयुक्त ऑपरेशन में नागपुर से निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। इस ऑपरेशन में शामिल पुलिस ने बताया था कि संयुक्त कार्रवाई में निशांत के घर पर तलाशी ली गई, जिसमें उसके पर्सनल लैपटॉप पर गोपनीय और अतिसंवेदनशील रिकॉर्ड मिले हैं। उन्होंने कहा था कि यह रिकॉर्ड निशांत के पर्सनल लैपटॉप पर नहीं होने चाहिए, क्योंकि ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के अंतर्गत यह अपराध की श्रेणी में आता है। गौरतलब है कि इस मामले को मामले को हनी ट्रैप से जोड़कर देखा गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने जांच में पाया है कि निशांत सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के जरिए नेहा शर्मा और पूजा रंजन नाम की दो लड़कियों के संपर्क में था। इन दोनों की ही फेसबुक आईडी पाकिस्तान से संचालित की जा रही थी और दोनों ही फर्जी अकाउंट थे।