यह भी पढ़ेंः इस जिले में बहाल हुई इंटरनेट सेवा, जानिए प्रशासन ने क्यों लगाई थी रोक, देखें वीडियो सवा चार महीने रहे एसएसपी एसएसपी नितिन तिवारी की तैनाती मेरठ में करीब सवा चार महीने की रही। उन्होंने 23 फरवरी को यहां एसएसपी के तौर पर चार्ज संभाला था। उनके कार्यकाल में कर्इ बड़ी आपराधिक घटनाएं हुर्इ, हालांकि कर्इ खुलासे भी तत्कालीन एसएसपी के कार्यकाल में हुए, लेकिन प्रहलाद नगर में पलायन का मुद्दा आैर माॅब लिंचिंग के विरोध में बैठक व जुलूस के दौरान हुए बवाल के बाद एसएसपी नितिन तिवारी भाजपा नेताआें के निशाने पर आ गए थे। माना जा रहा है कि भाजपा नेताआें में आक्रोश के कारण एसएसपी का तबादला किया गया है।
यह भी पढ़ेंः 125 परिवारों के पलायन के बाद जागे अधिकारी, अब शुरू की ये कार्रवाई जुलूस को लेकर भाजपार्इ नाराज बताते हैं कि रविवार को माॅब लिंचिंग के विरोध में फैज-ए-आम में हुर्इ बैठक आैर निकाले गए जुलूस से माहौल बिगड़ने को लेकर भाजपा नेता एसएसपी से नाराज थे। सोमवार को कमिश्नर के कैंप कार्यालय में हुर्इ बैठक में भाजपा विधायकों ने एसएसपी नितिन तिवारी को निशाने पर लिया था। उन्होंने साफ कहा कि माॅब लिंचिंग पर फैज-ए-आम कालेज में बैठक आैर बिना अनुमति के जुलूस निकाले जाने में एसएसपी की बड़ी चूक रही है। पुलिस को पता होने के बावजूद भी बैठक क्यों नहीं रोकी गर्इ आैर जुलूस क्यों निकालने दिया गया। इतने लोग कैसे एकत्र हो गए। भाजपा के पूर्व प्रदेशअध्यक्ष ने भी फोन पर मुख्यमंत्री को इस संबंध में जानकारी दी थी आैर एसएसपी व एसपी सिटी पर निशाना साधा था। उन्होंने साफ कहा कि जब जनपद में धारा 144 लागू थी तो गुंडागर्दी क्यों हुर्इ, इसके जिम्मेदार पुलिस अफसर हैं। भाजपा विधायकों ने जिस तरह इस मुद्दे पर पुलिस अफसरों पर निशाना साधा तभी माना जा रहा था कि कुछ पुलिस अफसरों पर गाज गिर सकती है।