यह भी पढ़ेंः महिलाआें काे ठगने में माहिर है यह ‘बबली’, इसे पकड़ने में लोगों ने बुना यह जाल यह भी पढ़ेंः इन दोनों ने चंद रुपये के विवाद में कोठा संचालिका की हत्या की, जानिए पूरा मामला हााइवे आैर शहर में हुआ था उपद्रव एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के फैसले के विरोध में दलित समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों और सैकड़ों लोगों ने भारत बंद के दौरान एनएच-58 बाईपास, कंकरखेड़ा, कचहरी परिसर व आंबेडकर चैक पर वाहनों में तोड़फोड़, आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था। इसमें एक प्रदर्शकारी युवक की गोली लगने से मौत भी हो चुकी थी। उपद्रवियों ने बाईपास के पास पुलिस पर फायरिंग कर पुलिस की जीप व पुलिस चैकी को भी आग के हवाले कर दिया था। हिंसात्मक घटना से संबंधित अलग-अलग थानों में 97 मामले दर्ज हुए। जिसमें पुलिस ने बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा समेत 202 आरोपियों को जेल भेजा था। तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने हिंसात्मक घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।
यह भी पढ़ेंः यूपी बोर्ड के छात्रों को स्नातक कक्षाआें में नहीं मिल पाएगा एडमिशन, जानिए इसकी बड़ी वजह 102 के खिलाफ गैर जमानती वारंट सीओ एसआईटी पंकज सिंह के मुताबिक जेल में बंद सभी उपद्रवी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। अलग-अलग दर्ज हुए मुकदमों में 700 नामजद और 5500 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। वीडियो फुटेज के आधार पर फरार 102 लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट की प्रक्रिया पूरी हो गई है। फरार आरोपियों को चिह्नित किया गया है। इनमें अलग-अलग केसों से संबंधित आरोपियों के खिलाफ वारंट लिया गया है। कंकरखेड़ा थाने से सबसे अधिक 30 आरोपियों के खिलाफ वारंट लिया गया है। टीपीनगर, सिविल लाइन, और अन्य थाना पुलिस द्वारा वारंट लिए जा रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः इस 17 साल के लड़के ने दुल्हन को शादी के दिन दिया ऐसा गिफ्ट, जानकर रह जायेंगे दंग गिरफ्तारी न होने पर कुर्की होगी उपद्रवियों की गिरफ्तारी न होने पर उनके घर के कुर्की की प्रकिया प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए भी कोर्ट से कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।