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मेरठ

राकेश टिकैत की अगुवाई में सैकड़ों किसानों ने भरी हुंकार, बैरिकेडिंग तोड़ कलेक्ट्रेट में घुसे

Rakesh Tikait Protest in Meerut: मेरठ के कलेक्ट्रेट ऑफिस पर भी जबरदस्त तरीके से धरना प्रदर्शन (Farmers Protest) किया गया। और मेरठ में इस विरोध-प्रदर्शन की अगुवाई किसान नेता राकेश टिकैत (Farmers leader Rakesh Tikait) कर रहे हैं।
 

मेरठFeb 21, 2024 / 05:11 pm

Aniket Gupta

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Rakesh Tikait Protest in Meerut

Rakesh Tikait Protest in Meerut: भारतीय किसान यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में मेरठ के कलेक्ट्रेट ऑफिस पर भी जबरदस्त तरीके से धरना प्रदर्शन (Farmers Protest) किया गया। और मेरठ में इस विरोध-प्रदर्शन की अगुवाई किसान नेता राकेश टिकैत (Farmers leader Rakesh Tikait) ने की। सैकड़ों किसान ट्रैक्टर लेकर मेरठ डीएम कार्यलय की की ओर कूच किए और इसकी अगुवाई कर रहें थे राकेश टिकैत। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। लेकिन उन्हें रोकने में पुलिस नाकामयाब रही। बड़ी संख्या में किसान कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गए. विरोध कर रहे किसानों में से कई किसान बैरिकेड गिराते हुए ट्रैक्टर को कलेक्ट्रेट ऑफिस के अंदर तक पहुंच गए, जिसके कारण कलेक्ट्रेट ऑफिस का माहौल बेहद गरम हो गया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमारा हम ये विरोध-प्रदर्शन देश भर में अलग-अलग जिला मुख्यालयों में चल रहा हैं। और इसी के तहत आज 3 बजे तक मेरठ कलेक्ट्रेट ऑफिस में प्रोटेस्ट होगा, इसके बाद आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह तय किया जाएगा कि हमें दिल्ली जाना है या नहीं। या प्रदर्शन के लिए हमें कोई और तरीका अपनाना है। कल यानी 22 फरवरी को हमारी अगली बैठक है।
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राकेश टिकैत ने आगे कहा कि वे अगर हमारे रास्तों पर कील लगाएंगे तो हम भी अपने गांव में कील लगा देंगे। हमें भी अपने गांव की बैरिकेडिंग करनी होगी। यदि वे हमें दिल्ली नहीं आने दे रहे तो हम भी चुनाव में उन्हें गांव नहीं आने देंगे। यदि वे हमारे आंदोलनों को कुचलने का प्यास करेंगे तो उन्हें गांव में कौन आने देगा? कील तो गांव में भी है। टिकैत ने आगे सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि बिना डर के कोई आंदोलन हो रहा है क्या? सरकार भी तो डर बैठा रही है। सरकार लोगों में ईडी का डर बैठा रही है और हम अपने ट्रैक्टर का।

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