नोएडा और मेरठ में भी पकड़े जा चुके हैं मामले दरअसल, अभी तक 2000 या 500 के नकली नोटों के कई मामले सामने आ चुके हैं। इनको स्कैन करके चलाते हुए कई लोग पकड़े जा चुके हैं। मेरठ में तो दिसंबर 2016 में ही 500 और 2000 के नकली नोट पकड़े जाने का मामला सामने आ चुका है। इसी साल फरवरी में ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने 6 लाख रुपये के 200, 500, 200 व 100 रुपये के नकली नोट बरामद किए थे। ये तो अब तक बड़े नोटों के नकली नोट तैयार किए जाते थे लेकिन अब बताया जा रहा है कि 50 रुपये के नकली नोट भी बाजार में आ चुके हैं।
ऐसे तैयार करते हैं नकली नोट इन्हें किसी मशीन पर नहीं छापा जाता है। इसके लिए जालसाज मार्केट से ही अच्छी क्वालिटी के पेपर लेते हैं। इसके बाद असली नोट को स्कैन करते हैं और फिर प्रिंटर से इसके प्रिंट निकाल लेते हैं। इसे गौर से देखेंगे तो आप असली नकली में फर्क कर पाएंगे। जालसाज इन्हें अक्सर शराब की दुकानों, सब्जी मंडी, पेट्रोल पंप या भीड़भाड़ वाली दुकानों पर चलाने की कोशिश करते हैं।
ऐसे करें पहचान – इनके कागज में फर्क होता है। – नकली नोट में चांदी की लाइन फोटोकाॅपी की तरह दिखती है जबकि असली में यह चमकती है। – गौर से देखेंगे तो पता चला जाएगा कि यह स्कैन की हुई कॉपी है।