काफी बदल गया आसपास का क्षेत्र शमशुल अजीज ने बताया कि घंटाघर की स्थापना के बाद इस क्षेत्र के आसपास काफी बदलाव आया है। वह बताते हैं कि शहर का बीच का इलाका होने के कारण बस स्टैंड भी इसके पास ही थे। उस समय यहां जितनी दुकानें थी, उनमें घडिय़ों का काम होता था। अब बस स्टैंड यहां से दूर जा चुके हैं और घडिय़ों के काम की जगह मोबाइल की दुकानें ज्यादा हो गई हैं। घंटाघर के पास ही टाउन हाल है, जहां स्वतंत्रता संग्राम को लेकर बैठकें होती थी।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर .. अब घंटाघर की घड़ी खराब घंटाघर के केयर टेकर शमशुल बताते हैं कि पिछले दो दशकों से घंटाघर की घड़ी ठीक नहीं है। इसे सुधारने की कोशिशें भी हुई। फिल्म जीरो की शूटिंग यहां होनी थी, तब अभिनेता शाहरूख खान ने घंटाघर की घड़ी ठीक होने के लिए छह लाख रुपये भी भिजवाए थे, लेकिन घड़ी अभी तक ठीक नहीं हुई है। इसके ठीक होने का इंतजार है, ताकि घंटाघर की पुरानी शान फिर से लौटे।