मेरठ

सेना के जवानों को जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, एेसी हेल्पलाइन शुरू की गर्इ

मेरठ के सैन्य अस्पताल में शुरू हुर्इ यह सुविधा, सप्ताह में 24 घंटे सैनिक ले सकेंगे लाभ

मेरठApr 13, 2018 / 09:31 pm

sanjay sharma

मेरठ। सेना की बैरकों में आए दिन जवानों द्वारा आत्महत्याओं की घटनाएं सुर्खियां बनती रहती हैं। बैरकों में रहने वाले जवान डिप्रेशन का शिकार होते रहते हैं। जिनका इलाज मेरठ छावनी स्थित सैनिक अस्पताल में चलता है, लेकिन पिछले दिनों सैनिक अस्पताल में एक सैनिक ने मानसिक तौर पर बीमार होने के कारण गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग में इलाज करा रहे इस सैनिक विजेंद्र को चिकित्सकों ने बाइपोलर डिसआर्डर की बीमारी से ग्रसित बताया था। सैनिक ने इससे पहले भी आत्महत्या की कोशिश की थी, लेकिन अपने प्रयासों में सफल न होने के कारण वह तनाव में आ गया था।
सैनिक द्वारा आत्महत्या की घटना को सैन्य अधिकारियों और सैन्य चिकित्सकों ने गंभीरता से लिया और ऊपरी स्तर से अनुमति मिलने के बाद सेना की ओर से ‘मेंटल हेल्पलाइन’ की शुरुआत की गई। इस हेल्पलाइन के तहत मानसिक तौर पर परेशान सैनिकों के साथ ही पूर्व सैनिकों का इलाज इस हेल्पलाइन के जरिए काउंसिलिंग के जरिए किया जाएगा। सेना के जिस किसी जवान या अधिकारी का मानसिक परेशानी या बीमारी है तो वह 7055102149 नंबर पर 24 घंटे सातों दिन किसी भी समय संपर्क कर अपनी परेशानी बता सकता हैं।
यह भी पढ़ेंः बड़े भार्इ ने छोटे पर तान दी पिस्टल, जानिए क्या वजह रही…

खतरनाक है बाइपोलर डिसआर्डर बीमारी

सैनिक अधिकारियों या चिकित्सकों की मानें तो बाइपोलर डिसऑर्डर बीमारी अत्यंत खतरनाक श्रेणी में आती है। सैनिकाें को इस बीमारी के बारे में आमतौर पर कोई जानकारी नहीं होती और डिप्रेशन में रहना शुरू कर देता है। इसकी पहचान नहीं होने के कारण वह चिकित्सकों की सलाह भी नहीं ले पाता। इस बीमारी से जो पीड़ित होता है उसे औरों से अपनी बातें सुनना अच्छा लगता है, लेकिन यदि कोई उसकी बुराई करे या उसे किसी बात के लिए डांट दे, तो वह आक्रमक हो उठता है। कई बार तो वह मारने के लिए क्राेधित हो उठता है। जिस जवान विजेंद्र ने आत्महत्या की उसके मामले में भी यही हुआ। शादी के चार-पांच दिनों के भीतर ही किसी बात पर परिवार से हुए झगड़े के बाद परिजनों ने ही उसे सैनिक अस्पताल मेरठ में भर्ती करा दिया था।
रखा जाएगा नाम गुप्त

ऐसे जवान या अधिकारी का नाम गुप्त रखा जाएगा जो इस हेल्पलाइन का प्रयोग करेगा। इसके अलावा हेल्पलाइन की सेवा लेने वाले जवान या अधिकारी को यह भी बताया जाएगा कि वह किस चिकित्सक से मिले अपने इलाज के लिए। हेल्पलाइन पर मदद लेने वाले जवान और अधिकारी पर गुप्त रूप से भी नजर रखी जाएगी जब तक कि वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते।
यह भी पढ़ेंः लेडी सिंघम ने भरी हुंकार- अंबेडकर जयंती पर किसी ने बवाल किया तो…

Hindi News / Meerut / सेना के जवानों को जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, एेसी हेल्पलाइन शुरू की गर्इ

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.