हर इलाके में पसरी गंदगी
महानगर के हर इलाके में गंदगी पसरी हुई है। जिससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है। मेरठ के पॉश इलाके शास्त्रीनगर, मंगलपांडे नगर, गंगानगर, जागृति विहार,पल्लवपुरम, कंकरखेड़ा आदि का गंदगी से बुरा हाल है। गंदगी के पास से निकलने में जहां छात्रों और महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं इनसे बीमारी और संक्रमण फैलने का भी खतरा रहता है।
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शास्त्रीनगर में बने कूड़े के पहाड़
शास्त्रीनगर में तो कूड़े के ढ़ेर के बड़े—बड़े पहाड़ बने हुए हैं। तेज हवा चलने पर ये कूड़ा उड़कर लोगों के घरों में पहुंच जाता है। हैरानी की बात है कि महानगर में बजबजाती गंदगी ना तो निगम अधिकारियों केा दिखाई देती है और ना प्रशासनिक अधिकारियों को। बदलते मौसम के चलते तरह-तरह की बीमारियों ने जन्म लेना शुरू कर दिया यह बीमारियां लाइलाज होती जा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण जगह-जगह कूड़े का अंबार और बजबजाते नाले और नालियां लोगों को बीमारी का शिकार बना रही हैं। क्षेत्रीय पार्षद क्षेत्रीय लोगों के शिकायत करने के बावजूद नगर निगम अधिकारियों का बहाना बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। सारा आरोप नगर निगम सफाईकर्मियों और कर्मचारियों—अधिकारियों पर मढ़ देते हैं। इससे जहां क्षेत्रीय जनता में आक्रोश है वहीं महामारी के काल में जनता समाने के लिए मजबूर है।
शास्त्रीनगर में बने कूड़े के पहाड़
शास्त्रीनगर में तो कूड़े के ढ़ेर के बड़े—बड़े पहाड़ बने हुए हैं। तेज हवा चलने पर ये कूड़ा उड़कर लोगों के घरों में पहुंच जाता है। हैरानी की बात है कि महानगर में बजबजाती गंदगी ना तो निगम अधिकारियों केा दिखाई देती है और ना प्रशासनिक अधिकारियों को। बदलते मौसम के चलते तरह-तरह की बीमारियों ने जन्म लेना शुरू कर दिया यह बीमारियां लाइलाज होती जा रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण जगह-जगह कूड़े का अंबार और बजबजाते नाले और नालियां लोगों को बीमारी का शिकार बना रही हैं। क्षेत्रीय पार्षद क्षेत्रीय लोगों के शिकायत करने के बावजूद नगर निगम अधिकारियों का बहाना बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। सारा आरोप नगर निगम सफाईकर्मियों और कर्मचारियों—अधिकारियों पर मढ़ देते हैं। इससे जहां क्षेत्रीय जनता में आक्रोश है वहीं महामारी के काल में जनता समाने के लिए मजबूर है।