यह भी पढ़ें- Corona : गौतमबुद्ध नगर में हालात गंभीर, 70 नए मामले सामने आए, अब तक 935 लोग संक्रमित दिए पते पर कई घंटेभर भटकती रही टीम नहीं मिला पॉजिटिव मरीज कोरोना संक्रमित एक मरीज को स्वास्थ्य विभाग की टीम टेस्ट रिपोर्ट में दर्ज नाम-पते के आधार पर लेने गई, लेकिन नाम और पता गलत मिला। स्वास्थ्य विभाग की टीम कई घंटे तक भटकती रही। उसके बाद पता चला कि कोई नाम बदल कर टेस्ट करवा चुका है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग मामले को दबाकर बैठ गया। रिपोर्ट लेने आए व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से कंप्यूटर ऑपरेटर की नींद उड़ी हुई है। ऑपरेटर के पास शुक्रवार को दो अलग- अलग व्यक्ति अपनी रिपोर्ट लेने पहुंच गए। कंप्यूटर ऑपरेटर ने उनकी रिपोर्ट निकाली तो वह पॉजिटिव थी। इसके बाद दोनों व्यक्ति उसे चकमा देकर गायब हो गए। मामले की जानकारी ऑपरेटर ने एसआईसी डॉ. पीके बंसल को दी। उन्होंने आनन-फानन कंप्यूटर ऑपरेटर को क्वारंटीन करा दिया।
गत शुक्रवार को भी एक मामला सामने आया। एक व्यक्ति कोरोना की जांच की रिपोर्ट लेने जिला अस्पताल पहुंचा। कंप्यूटर ऑपरेटर ने उसकी स्लिप के आधार पर रिपोर्ट का प्रिंट निकाला तो वह पॉजिटिव मिला। ऑपरेटर ने उससे कहा कि तुम यहां क्यों घूम रहे हो, तुमको लेने के लिए एंबुलेंस घर गई होगी। इस पर मरीज कंप्यूटर ऑपरेटर को चकमा देकर फरार हो गया। इसके बाद जिला अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई। मामले को दबाने की कोशिश करते हुए अस्पताल प्रशासन ने कंप्यूटर ऑपरेटर को गोपनीय ढंग से क्वारंटीन कर दिया।
सैंपल के साथ ली जाएगी आईडी जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. पीके बंसल ने बताया कि एक व्यक्ति जिला अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट लेने आया था। रिपोर्ट पॉजिटिव थी। उसने बताया कि खैरनगर के जिस व्यक्ति की रिपोर्ट है। वह उसका भतीजा है। मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है। रिपोर्ट देने वाले ऑपरेटर को क्वारंटीन कर दिया गया है। निर्देश दिए गए हैं कि अब सैंपल देने वाले हर व्यक्ति से आईडी ली जाएगी।
ये है जिला अस्पताल में सैंपल लेने के बाद भर्ती का तरीका कोरोना जांच के सैंपल जिला अस्पताल में लिए जा रहे हैं। इसके बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब भेजा जाता है। सैंपल की निगेटिव रिपोर्ट जिला अस्पताल भेज दी जाती है, जबकि पॉजिटिव आने वाले सैंपल की सूची बनाकर सीएमओ को भेजी जाती है। सीएमओ जिला सर्विलांस अधिकारी के माध्यम से पॉजिटिव मरीजों के घर एंबुलेंस भेजकर उन्हें मेडिकल कॉलेज, सुभारती, मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज या अन्य कोविड सेंटरों में भर्ती कराते हैं।