यह भी पढ़ेंः Sonakshi Sinha के घर पहुंची पुलिस तो Bollywood Actress ने कर दिया यह ट्वीट कोर्ट में पेश करने के बाद भेजा गया जेल एंटी करप्शन टीम (Anti Corruption Team) ने पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया। संविदाकर्मी ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, सीएचसी सरधना में तैनात था। आरोप है कि उसने आशा कार्यकर्ता से मानदेय दिलाने के नाम पर रिश्वत मांगी थी। आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उसको गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया।
यह भी पढ़ेंः Carrier Tips: IAS की कोचिंग देने वाली रितु भारती से जानें, जिंदगी में कैसे हासिल करें सफलता आशा कार्यकर्ता से मांगी थी रिश्वत सरधना थाना क्षेत्र के भाटवाड़ा निवासी अनिल कुमार की पत्नी पूनम आशा कार्यकर्ता (ASHA worker) है। पूनम अपना रुका मानदेय लेने के लिए सरधना सीएचसी के कई दिनों से चक्कर काट रही थी। आरोप है कि सीएचसी पर तैनात संविदाकर्मी ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर मदनलाल ने पूनम से पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी। आशा ने इसकी शिकायत आठ जुलाई को सीएमओ कार्यालय में की। इसके बावजूद संविदा कर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। मानदेय के लिए आशा संविदा कर्मचारी से मिन्नत करती रही, लेकिन वह बगैर रिश्वत के काम करने को तैयार नहीं हुआ। उसके बाद पूनम और उसके पति अनिल ने एंटी करप्शन विभाग में तैनात इंस्पेक्टर यतींद्र कुमार से संपर्क किया। बीती एंटी करप्शन की टीम ने संविदाकर्मी को रंगेहाथ दबोचने के लिए जाल बिछा दिया। पूनम ने पांच हजार की रिश्वत देने के लिए संविदाकर्मी मदनलाल को फोन किया। मदनलाल मेरठ सीएमओ कार्यालय में था। उसने पूनम को मेरठ में आने को कहा। पूनम सीएमओ कार्यालय पहुंची। रिश्वत लेते ही एंटी करप्शन टीम ने संविदा कर्मचारी को रंगेहाथ दबोचकर सिविल लाइन पुलिस को सौंप दिया। संविदाकर्मी को छुड़वाने के लिए सिफारिशों का दौर भी खूब चला।
यह भी पढ़ेंः Meerut News: मंडप में दुल्हन संग फेरे ले रहा था दूल्हा तभी महिला ने थमा दिया बच्चा रिश्वत लेते पहले भी धरे गए स्वास्थ्य विभागकर्मी एंटी करप्शन टीम की इस कार्रवाई से सीएमओ कार्यालय में तैनात कर्मचारियों में खलबली मची है। दरअसल, इससे पहले भी सीएमओ कार्यालय (CMO Meerut) में तैनात एक अफसर रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था। वहीं, पुलिस भर्ती में भी सीएमओ कार्यालय के दो बाबुओं के नाम प्रकाश में आए थे। इनमें से एक बाबू के खिलाफ सीएमओ ने कार्रवाई भी की थी।