मेरठ

स्वास्थ्य विभाग ने कर्मचारी पर रिश्वत लेने की शिकायत पर कार्रवाई नहीं की, फिर ऐसे पकड़ा गया, देखें वीडियो

खास बातें

मेरठ में सरधना में सीएचसी में तैनात था संविदाकर्मी
एंटी करप्शन टीम ने पांच हजार रुपये के साथ पकड़ा
गिरफ्तारी के बाद विभाग ने संविदा समाप्त की

 

मेरठJul 13, 2019 / 11:15 am

sanjay sharma

स्वास्थ्य विभाग ने कर्मचारी पर रिश्वत लेने की शिकायत पर कार्रवार्इ नहीं की, फिर एेसे पकड़ा गया, देखें वीडियो

मेरठ। एक तरफ सरकार भ्रष्टाचार को मिटाने की बात कर रही है तो वहीं विभागों के कर्मचारी सरकार के इस सपने को धूल में मिटाते दिख रहे है, खासकर स्वस्थ विभाग (Health Department) के कर्मचारी। मेरठ में अभी कुछ दिन पहले ही एक बाबू को रिश्वत (Bribe) लेते पकड़ा गया था। उसके बाद अब एक संविदा कर्मचारी को पांच हजार रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपी सीएचसी सरधना (CHC Sardhna) में तैनात था। रिश्वत के आरोप में गिरफ्तारी के बाद आरोपी की संविदा समाप्त कर दी गर्इ है।
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कोर्ट में पेश करने के बाद भेजा गया जेल

एंटी करप्शन टीम (Anti Corruption Team) ने पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया। संविदाकर्मी ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, सीएचसी सरधना में तैनात था। आरोप है कि उसने आशा कार्यकर्ता से मानदेय दिलाने के नाम पर रिश्वत मांगी थी। आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उसको गिरफ्तार कर आज कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया।
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आशा कार्यकर्ता से मांगी थी रिश्वत

सरधना थाना क्षेत्र के भाटवाड़ा निवासी अनिल कुमार की पत्नी पूनम आशा कार्यकर्ता (ASHA worker) है। पूनम अपना रुका मानदेय लेने के लिए सरधना सीएचसी के कई दिनों से चक्कर काट रही थी। आरोप है कि सीएचसी पर तैनात संविदाकर्मी ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर मदनलाल ने पूनम से पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी। आशा ने इसकी शिकायत आठ जुलाई को सीएमओ कार्यालय में की। इसके बावजूद संविदा कर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। मानदेय के लिए आशा संविदा कर्मचारी से मिन्नत करती रही, लेकिन वह बगैर रिश्वत के काम करने को तैयार नहीं हुआ। उसके बाद पूनम और उसके पति अनिल ने एंटी करप्शन विभाग में तैनात इंस्पेक्टर यतींद्र कुमार से संपर्क किया। बीती एंटी करप्शन की टीम ने संविदाकर्मी को रंगेहाथ दबोचने के लिए जाल बिछा दिया। पूनम ने पांच हजार की रिश्वत देने के लिए संविदाकर्मी मदनलाल को फोन किया। मदनलाल मेरठ सीएमओ कार्यालय में था। उसने पूनम को मेरठ में आने को कहा। पूनम सीएमओ कार्यालय पहुंची। रिश्वत लेते ही एंटी करप्शन टीम ने संविदा कर्मचारी को रंगेहाथ दबोचकर सिविल लाइन पुलिस को सौंप दिया। संविदाकर्मी को छुड़वाने के लिए सिफारिशों का दौर भी खूब चला।
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रिश्वत लेते पहले भी धरे गए स्वास्थ्य विभागकर्मी

एंटी करप्शन टीम की इस कार्रवाई से सीएमओ कार्यालय में तैनात कर्मचारियों में खलबली मची है। दरअसल, इससे पहले भी सीएमओ कार्यालय (CMO Meerut) में तैनात एक अफसर रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था। वहीं, पुलिस भर्ती में भी सीएमओ कार्यालय के दो बाबुओं के नाम प्रकाश में आए थे। इनमें से एक बाबू के खिलाफ सीएमओ ने कार्रवाई भी की थी।

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