छानबीन के दौरान पता चला कि दौराला ड्रिस्टलरी के जीएम और आबकारी अधिकारियों की मौजूदगी में ही टैंकरों में एल्कोहल भरा जाता था और इसके बाद डीजी-लॉक लगाया जाता था। इसी मामले में आबकारी अधिकारियों और ड्रिस्टलरी के जीएम की भूमिका सामने आई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसी मामले में एसआईटी गठन कर जांच का आदेश दिया था। एडीजी मेरठ राजीव सबरवाल के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। अभी कुछ ही दिन पहले इसी मामले में जांच के लिए एडीजी, आईजी मेरठ, एसएसपी और सीओ दौराला जांच के लिए ड्रिस्टलरी पहुंचे थे। यहां छानबीन की गई और कई कमियां पाई गई।
एल्कोहल प्रकरण में गिरफ्तार चारों आरोपियों के अलावा पुलिस ने सोनू सैनी और कुलदीप निवासी दौराला, कपिल वोहरा निवासी दिल्ली और दौराला शुगर मिल के जीएम को आरोपी बनाया था। दौराला शुगर मिल के जीएम दिलीप सिंह यादव प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए हैं। फिलहाल वह वांछित घोषित है। दरअसल, जीएम दिलीप सिंह के नेतृत्व में ही एल्कोहल लोड कराने का काम आता है। इनकी निगरानी में ही पैकिंग, कंस्ट्रक्शन, लोडिंग, अनलोडिंग, टैंकर को बाहर भेजना और अंदर प्रवेश कराना, यह काम आश्वक यानी जीएम का ही होता है।
कंकरखेड़ा के इंस्पेक्टर संतोष कुमार सक्सेना ने कहा, ‘दौराला मिल के जीएम दिलीप सिंह यादव वांटेड घोषित किए गए हैं। इनकी तलाश में दबिश दी जा रही है।