यह भी पढ़ेंः मकान मालिक ने अपने दोस्त के साथ विवाहिता के साथ किया यह काम , अब दे रहा यह धमकी… डा. लक्ष्मीकांत ने दी थी यह सलाह पिछले साल निकाय चुनाव के ठीक बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी से बात हुर्इ थी तो उन्होंने मेयर पद पर भाजपा उम्मीदवार कांता कर्दम के नहीं जीतने पर हार स्वीकार करते हुए अपने संगठन को सलाह दी थी। डा. वाजपेयी ने कहा था कि इस हार से हमें सीखने को मिला है। अब हमें सत्तारुढ़ दल बनकर नहीं रहना है, बल्कि सड़क की लड़ार्इ लड़नी होगी। जो कमियां हैं, उन्हें दूर करनी होगी। संगठन को इस पर बैठकर विचार करने की जरूरत है।
यह भी पढ़ेंः होटल में छापा, कूदकर भागी लड़कियों ने ली घरों में शरण नहीं हुआ काम, मिल रहीं पराजय भाजपा के स्थानीय नेता आैर कार्यकर्ता ने चार महीने पहले मिली इस सलाह पर कितना काम किया, यह लगातार पराजय मिलने से जाहिर है। पहले नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव आैर जिला योजना समिति चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली है। मतलब भाजपा नेता व कार्यकर्ताआें में सत्तारूढ़ संगठन होने की खुमारी चढ़ी हुर्इ है आैर सड़क की लड़ार्इ तो दूर एक मंच पर जनपद के सारे भाजपाा नेता एकट्ठे हो जाएं, वही गनीमत है, क्योंकि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से यहां भाजपा नेताआें में ग्रुप पाॅलिटिक्स हावी हो गर्इ है आैर हर ग्रुप दूसरे से आगे निकलना चाहता है।
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