यह भी पढ़ेंः Swine Flu: स्वाइन फ्लू का कहर जारी, तीन की मौत होने पर आंकड़ा पहुंचा 12, पीएसी के 17 जवानों समेत 19 नए मरीज मिले इन सभी से कहा था कि वे शुक्रवार को शहर नहीं छोड़ेंगे। शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखना उनकी भी जिम्मेदारी होगी। किसी अप्रिय स्थिति में वे सड़क पर उतरकर सहयोग करेंगे। इस नोटिस को लेकर भाजपा के पूर्व प्रदेधाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी भड़क गए। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि आखिर किसके कहने पर जनप्रतिनिधियों को इस तरह के नोटिस जारी किए गए हैं। पुलिस से उन्होंने ऐसा प्रश्न किया जो कि विपक्ष के जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए था। लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन की होती है। जनप्रतिनिधि इसमें केवल सहयोग करते हैं।
यह भी पढ़ेंः सपा के पूर्व मंत्री ने बेटे की शादी में जमकर की हर्ष फायरिंग, दूल्हे पर भी मुकदमा दर्ज, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को रोकने का अधिकार पुलिस को नहीं है। वे कहीं भी आ जा सकते हैं। उन्होंने एडीएम सिटी अजय तिवारी के सामने विरोध प्रकट किया। एडीएम सिटी ने बताया कि विगत 20 दिसंबर 2019 को सुनियोजित तरीके से मेरठ में हिंसा हुई थी। पुलिस जांच में सामने आया कि लोगों को भड़काकर कुछ जनप्रतिनिधि शहर से बाहर चले गए थे। ताकि उन पर आरोप न लगें कि हिंसा में उनकी भूमिका है।