2007 में टीम इंडिया में चयन के बाद जब प्रवीण मेरठ आए थे तो कुछ दिन बाद ही उनका मेरठ की पीएल शर्मा रोड पर एक चिकित्सक से गाड़ी की साइड लगने पर विवाद हो गया था। प्रवीण कुमार ने अपने साथियों के साथ चिकित्सक से मारपीट कर दी थी। इसके बाद 2011में ट्रेंटब्रिज टेस्ट मैच में एक निर्णय को लेकर प्रवीण अंपायर से भिड़ गए थे। अंपायर ने इस पर उन्हें चेतावनी भी दी थी। 2013 में बीसीसीआई कारपोरेट ट्राफी प्रतियोगिता भिलाई में आयकर विभाग के बल्लेबाज अजीत अर्गल को अपशब्द कहकर प्रवीण उनसे भिड़ गए। साथ ही मैच रेफरी धनंजय कुमार सिंह से भी भिड़ गए थे। इस पर बीसीसीआई ने प्रवीण पर दस दिन का प्रतिबंध लगा दिया था और विजय हजारे ट्राफी से भी बाहर कर दिए गए थे। उस दौरान कहा गया था कि प्रवीण मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं।
प्रवीण का कॅरियर अपने स्वभाव के कारण तो कभी विवादों के कारण डगमागाता रहा। अपने होम ग्राउंड भामाशाह पार्क पर भी दबी जुबान से पीके के स्वभाव को लेकर चर्चा रहती थी। होमग्राउंड पर प्रैक्टिस के दौरान अपने दोस्तों संग पहुंचना और शहर में उनके साथ घूमने को लेकर वह चर्चा में रहे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी प्रवीण का स्वभाव अक्सर चर्चा में रहा। चंडीगढ़ में एक मैच के दौरान तो वह मीडियाकर्मी से भिड़ गए थे। प्रवीण बागपत रोड के मोहल्ले मुल्तान नगर में रहते हैं। आसपास के लोग भी उनके अक्खड़पन के कारण दूरी बनाए रखते हैं।
पिछले साल प्रवीण कुमार ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया, लेकिन वह अब भीा विवादों में हैं। शनिवार की दोपहर को स्कूल से अपने बच्चे को उतारते समय पड़ोसी दीपक शर्मा से प्रवीण का विवाद हो गया। स्कूल बस हटाने में देरी के कारण प्रवीण और दीपक के बीच विवाद उभरा। इसमें प्रवीण पर शराब के नशे में पिता-पुत्र से मारपीट का आरोप लगा है। मेडिकल में प्रवीण के नशे में होने की पुष्टि भी हो गई है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर होने के कारण पुलिस कार्रवाई करने से बच रही है। व्यापारी वर्ग प्रवीण से खासा नाराज है और प्रवीण पर कार्रवाई करने को लेकर लामबंद हो रहा है। क्रिकेट से जुड़े लोग प्रवीण कुमार के स्वभाव पर कुछ कहने से बच रहे हैं।