यह भी पढ़ेंः हे राम! सौ करोड़ के कर्जदार की सम्पत्ति की नीलामी में भी हो गया घोटाला यह भी पढ़ेंः वर्दी वालों ने अपने ही साथियों के काट दिए इतने चालान, पहले रौब गालिब फिर इस तरह आए कब्जे में तानाशाही दिखा रहे हैं अफसर मेयर पत्नी ने कहा कि भाजपा नेताआें के दबाव में अफसर तानाशाही दिखा रहे हैं। अफसरों ने रासुका लगाने का पूरा मन बना रखा था, जबकि एससी-एसटी आयोग ने स्पष्ट कहा था कि पुलिस प्रशासन पहले मामले की जांच करे आैर सबूत जुटाए आैर उन्हें आयोग के सामने पेश करे। इसके बाद ही कोर्इ कार्रवार्इ करे, जबकि एेसा नहीं किया गया। मेयर सुनीता वर्मा ने कहा कि उनके पति के खिलाफ अफसरों के पास कोर्इ साक्ष्य नहीं, इसलिए तानाशाही तरीके से रासुका की कार्रवार्इ की है। उन्होंने कहा कि जब सरकार आयोग के आदेश मानने को तैयार नहीं है तो आयोग को ही बंद कर देना चाहिए। जनता अफसरों की मनमानी के खिलाफ कार्रवार्इ की मांग के लिए आयोग के पास जाती है, लेकिन भाजपा सरकार के राज में उसकी पार्टी के नेता आैर अफसर की मिलीभगत से सब गलत काम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति पर रासुका लगाने की शिकायत एससी-एसटी आयोग से की है, ताकि आयोग को जानकारी में आए कि उनके आदेश का उल्लंघन हुआ है आैर हमारे साथ न्याय हो सके।
यह भी पढ़ेंः खुशखबरीः ग्रेजुएशन में प्रवेश के लिए यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राआें को मिली राहत, इतना कोटा तय हुआ वीडियो देखने के लिए इसे क्लिक करें: डीएम के पास फ़रियाद लेकर आई वृद्धा से पुलिस कर्मियों ने की शर्मनाक हरकत,पहुंच गयी अस्पताल दो अप्रैल से बंद है बसपा नेता बसपा सुप्रीमो मायावती के खास सिपाही बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा पर रासुका लगाने के बाद यह नोटिस बसपा नेता को तामील करा दिया गया है। योगेश इस समय मेरठ की चौधरी चरण सिंह कारागार में बंद हैं। योगेश वर्मा पर दो अप्रैल उपद्रव भड़काने के आरोप में 12 मुकदमें दर्ज हैं।गौरतलब है कि योगेश पर रासुका न लगे इसके लिए उनकी पत्नी मेयर सुनीता वर्मा ने एससी-एसटी आयोग को पत्र लिखा था। जिस पर कार्रवाई करते हुए एससी-एसटी आयोग ने एसएसपी और डीजीपी को तलब किया था। जिला पुलिस के आलाधिकारियों ने पूरे सबूत आयोग के समक्ष रखे थे।