यह भी पढ़ेंः शाहरूख की ‘जीरो’ में छा गए मेरठ के शराब के ठेके भी, जानिए अनुष्का से इनके बारे में क्या कहा पहले फिल्म की शूटिंग होनी थी मेरठ में इस फिल्म की शूटिंग पहले मेरठ शहर में ही होनी थी, लेकिन यहां जिन इलाकों में शूटिंग होनी थी, वे बहुत संवेदनशील हैं। जिला व पुलिस प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। इसलिए शाहरूख आैर निर्देशक आनंद एल. राय ने मेरठ की पृष्ठभूमि का हूबहू सेट मुंबर्इ में ही तैयार करवाया गया, ताकि घंटाघर, टाउनहाल समेत फिल्म के सभी सीन सजीव लगें।
यह भी पढ़ेंः भीम आर्मी ने बसपा सुप्रीमो से जोड़ा ये रिश्ता तो दलित समाज हुआ खफा मेरठ के यहां के दृश्य दिखार्इ देंगे शाहरूख ने घंटाघर की घड़ी ठीक करार्इ थी पहले जब मेरठ में घंटाघर के आसपास शूटिंग करने की बात शुरू हुर्इ थी, तो अभिनेता शाहरुख खान को पता चला कि घंटाघर की घड़ी ठीक रखरखाव नहीं होने के कारण खराब पड़ी है। तब उन्होंने इस घड़ी को ठीक करवाने के लिए छह लाख रुपये भिजवाए थे आैर घंटाघर की घड़ी ठीक करार्इ थी। फिल्म में यहां के हैं सीन शाहरुख खान की फिल्म में घंटाघर आैर इसके आसपास के इलाके के कर्इ सीन रखे गए हैं। इनमें घंटाघर,टाउन हाल,नगर निगम,लाला का बाजार, वैली बाजार,खैर नगर,अहमद रोड,जली कोठी, सोतीगंज,कोतवाली,तीन मस्जिदें और एसएसपी आॅफिस आदि शामिल हैं। दरअसल, शाहरुख खान के मामा लाला का बाजार में रहते थे। बचपन में वह यहां कर्इ बार आए थे, तो यहां का माहौल उनके मन में था, इसलिए वो अपनी फिल्म में लाला का बाजार आैर इसके आसपास के सीन फिल्माना चाहते थे।