यह भी पढ़ेंः गुस्साए व्यापारियों ने इन अफसरों को कह दिया ‘बदमाश’, जानिए ये पूरा मामला भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हुआ हंगामा नगर निगम की बोर्ड बैठक पांच माह बाद मंगलवार को टाउन हॉल में शुरू हुई। बैठक में महानगर के विकास और खाली पड़े खजाने पर अधिकारियों से जवाब मांगा गया। सदन में भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीधी बात करने की बात कही गई और पार्षदों ने जनमुद्दों पर अधिकारियों को घेरने की कोशिश की। महापौर पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए। आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ तो कई पार्षद आपस में भिड़ गए। बोर्ड बैठक में हंगामे के दौरान बाहरी लोग भी आ गए और उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान बैठक में मौजूद महिला पार्षदों ने नगर आयुक्त के ऊपर चूड़ियां भी फेंकी।
यह भी पढ़ेंः सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने साध्वी प्रज्ञा को बताया ‘हाफ माइंड’, मृत्यु पर कही ये बड़ी बात बैठक में कोई निर्णय नहीं हुआ पार्षद और अधिकारी इस बात पर आमने-सामने आ गए कि शहर की जनता के एक भी मुद्दे पर निगम की बोर्ड बैठक नहीं हुई। वहीं एक सफाई कर्मचारी द्वारा पार्षदों को गाली दिए जाने पर सभी पार्षद भड़क उठे। वहीं इस हंगामे के माहौल के बीच नगर आयुक्त कोई निर्णय नहीं ले सके। इसके बाद काफी देर तक हंगामा होता रहा। हंगामे में कहीं और न स्थिति खराब हो इसके लिए पुलिस फोर्स को बुला लिया गया। एसपी सिटी डा. एएन सिंह ने पर्याप्त फोर्स भेज दिया। बोर्ड बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।