यह भी पढ़े: अलीगढ़ में जहरीली शराब का कहर, अब तक 28 की मौत, आबकारी अधिकारी समेत तीन निलंबित, दोषियों पर लगेगा रासुका मेरठ महानगर की देशी सरकारी शराब की दुकानों पर शराब की चेकिंग के साथ ही बोतलों और पव्वों पर बार कोडिंग और हॉलमार्क चेक किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने स्टॉक रजिस्ट्रर भी चेक किया। सिटी मजिस्ट्रेट एसके सिंह ने आबकारी विभाग और इंस्पेक्टर कोतवाली आशुतोष सिंह के साथ महानगर की कई देशी शराब की दुकानों पर छापा मारा। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना था कि लोग सरकारी दुकानों से ही शराब खरीदें। वे शराब खरीदते समय अपने मोबाइल में बार कोड स्कैन कर शराब की गुणवत्ता को जांच सकते हैं। शराब के ठेकों पर छापामारी से हड़कंप मचा रहा। बता दें कि मेरठ में पिछले दिनों पंचायत चुनाव के दौरान जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हुई लेकिन आबकारी विभाग और प्रशासन की ओर से पूरे मामले में लीपापोती की गई।
यह भी पढ़े: UP Top News : अलीगढ़ में जहरीली शराब से सात की मौत, सीएम योगी नाराज आबकारी विभाग की नींद पंचायत चुनाव में नहीं टूटी। पूरे पंचायत चुनाव के दौरान आबकारी विभाग ने एक भी छापामार कार्रवाई नहीं की। जिसका नतीजा पंचायत चुनाव के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर जहरीली शराब के जाम छलके। एक अनुमान के मुताबिक अप्रैल माह में ही जहरीली शराब से जिले में करीब 14 लोगों की मौत हुई लेकिन आबकारी विभाग और पुलिस ने आंकड़ों में खेल करते हुए मरने वालों की संख्या 4 ही बताई। बाकी अन्य की मौत बीमारी के चलते बताई गई।