यह भी पढ़ें- लखनऊ-कानपुर के बीच टोल प्ळाज़ा पर बढा टैक्स, एक अप्रैल से लगेगा वाहनों से बढा टैक्स, इन दो टोल प्लाजा पर पुरानी दरें रहेंगी लागू एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद ने बताया कि मंगलवार को ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की फिनिशिंग का कार्य समाप्त कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि पहले दिन से एक्सप्रेसवे पर करीब 55 हजार वाहनों के आवागमन का अनुमान है। उन्होंने बताया कि अभी इस एक्सप्रेसवे पर टोल दरें तय नहीं होने की वजह से फिलहाल वाहनों से टोल नहीं वसूला जाएगा। टोल वसूलने के लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह एक्सप्रेस वे कई मायनों में देश में बना अपनी तरह का पहला एक्सप्रेसवे है।
पांच करोड़ की लागत से बने एक्सप्रेसवे की ये होगी खासियत पांच हजार करोड़ की लागत से तैयार हुए एक्सप्रेस-वे के बनने से दिल्ली से मेरठ की दूरी 40 मिनट एवं गाजियाबाद से 25 मिनट में पूरी होगी। 85 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे के चारों चरणों में 90 अंडरपास, 38 पुल, 8 एफओबी, 4874 लाइट्स लगाने के साथ ही 197 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह दिल्ली में 8.7 किलोमीटर है। वहीं दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद जिले में इसका 42 किलोमीटर का हिस्सा आता है। इस हाईवे पर 5 फ्लाईओवर हैं और 4 अंडरपास हैं। चार फुटओवर ब्रिज भी इस एक्सप्रेसवे पर आपको मिलेंगे।
मनमोहक होगा सफर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पूरी तरह सिग्नल फ्री है। खूबसूरत बढ़ाने के लिए इस एक्सप्रेस वे पर कुतुब मीनार, अशोक स्तंभ जैसे पुरातत्व विरासतों के स्मारक चिह्न भी स्थापित किए गए हैं। हाईवे के दोनों तरफ वर्टिकल गार्डन विकसित किए गए हैं, जो सफर को मनमोहक बना देंगे। सड़क के दोनों तरफ ढाई मीटर का साइकिल पथ भी बना है।
दिल्ली से डासना तक 14 लेन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर सोलर सिस्टम से चलने वाली लाइटें लगी हैं। इससे उर्जा की बचत होगी। दिल्ली-मेरठ हाईवे दिल्ली से डासना तक 14 लेन का है। डासना से मेरठ तक यह हाईवे 6 लेन का हो जाएगा। यह डासना के पास ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे में यह एक्सप्रेस-वे मिल जाता है।