मेरठ

मुंबई के सुपर कॉप कभी बनना चाहते थे वैज्ञानिक, आज बने मोदी की टीम का हिस्सा

सत्यपाल सिंह के अभीतक के सफर की बात करें तो उन्होंने अपनी हर जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम दिया है
 
 

मेरठSep 03, 2017 / 02:28 pm

pallavi kumari

DR Satyapal Singh

मेरठ. बागपत में भाजपा सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह ने रविवार को दिल्ली में केंद्रीय राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। शपथ लेते ही उनके गांव बासौली से दिल्ली-नोएडा तक जश्न का माहौल देखने को मिला। इस दौरान उनके करीबी और रिश्तेदारों ने आतिशबाजी की और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की। वहीं इससे पहले उन्होंने कहा था कि मंत्रिमंडल में शामिल करने के बाद राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करेंगे। विकास हमेशा उनकी प्राथमिकता रहा है। सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह के मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद जिले के लोगों को उनसे उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं।
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बागपत के बीजेपी नेता सुदेश चौहान ने कहा कि सत्यपाल सिंह को मंत्री मंडल में शामिल करना पीएम नरेंद्र मोदी का अच्छा फैसला है। यह क्षेत्र के लोगों के लिए खुशी की बात है। आजादी के बाद में किसी अन्य सांसद ने इस क्षेत्र में ज्यादा समय नहींदिया है। सत्यपाल सिंह सप्ताह में तीन से चार दिन क्षेत्र में रहते हैं। लोगों की समस्या भी सुनते हैं। मंत्री बनने के बाद में इन्हें एक्स्ट्रा पावर मिलेगी। सड़क का कार्य भी करेंगे। किसानेां की गन्ना की पेमेंट कराने का फैसला योगी सरकार ने भी लिया है, अब सत्यपाल सिंह के मंत्री बनने के बाद में किसानों की उम्मीद बढ़ गई है। साथ ही क्राइंम ग्राफ में भी कमी आएंगी।
बनना चाहते थे वैज्ञानिक, आगए मोदी के मंत्री मंडल में

सत्यपाल सिंह का 29 नवंबर, 1955 को बागपत के बसौली गांव में हुआ था। उनके पिता किसान थे। पुलिस सेवा में जाने से पहले वे एक वैज्ञानिक बनना चाहते थे। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कैमिस्ट्री में एमफिल की डिग्री हासिल की। नागपुर यूनिवर्सिटी से उन्होंने नक्सलिज्म पर शोध भी किया। 1980 में महाराष्ट्र कैडर से उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ। 2012 में वे मुंबई पुलिस कमिश्नर बने। अगर इनके काम की बात करें तो अभीतक के सफर में उन्होंने अपनी हर जिम्मेदारी को बखूबी अंजाम दिया है और उसे एक ख़ास मुकाम तक पहुंचाया है। चाहे पढ़ाई का क्षेत्र रहा या फिर नौकरी का, राजनीतिक क्षेत्र रहा हो या फिर सामाजिक जिम्मेदारी का सत्यपाल सिंह हर कसौटी पर खरे उतरे हैं।
ऐसे आएं राजनीति में

31 जनवरी, 2014 को सत्यपाल सिंह ने अपना इस्तीफा सौंप दिया और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए आवेदन किया। महाराष्ट्र सरकार ने भी उनका आवेदन बिना किसी देरी के स्वीकार कर लिया। इसके बाद 2 फरवरी को उन्होंने मेरठ में भारतीय जनता पार्टी की एक रैली में गुजरात के मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह तथा यूपी बीजेपी के प्रभारी अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के करीबियों में गिने जाने वाले सत्यपाल सिंह ने रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह को हराकर लोकसभा में एंट्री की।
नेता के साथ-सात एक लेखक भी

सत्यपाल सिंह ने दो पुस्तकें भी लिखी हैं, जो कि बेस्ट सेलर साबित हुई है। इनमें से एक नक्सल के खतरे से निपटने के ऊपर है और दूसरी ‘तलाश इंसान की’ नामक विषय पर लिखी गई सच्चाई की खोज पर है।

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