यह भी पढ़ें : जेसीबी से मिट्टी की खुदाई पर अब पुलिस नहीं लगाएगी रोक, शासन ने दिए आदेश डीएम ने दोबारा दिए जांच के आदेश लोगों को मकान का सपना दिखाकर करोड़ों की इस ठगी में कोर्ट के आदेश पर बिल्डर समेत सात लोगों पर दौराला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। अब इस मामले में डीएम ने दोबारा टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में दौराला थाने में आठ से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। जबकि मवाना निवासी एक बिल्डर जेल जा चुका है। डीएम के. बालाजी ने एसडीएम सरधना, एमडीए सचिव और सीओ दौराला को जांच सौंपी है।
सस्ते फ्लैट का दिया था लालच समाजवादी आवासीय योजना के तहत सस्ते फ्लैट के लिए इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर रवि रस्तोगी निवासी गोल मार्केट मवाना, डॉ. ओमप्रकाश अग्रवाल व डा. मीना अग्रवाल निवासी जवाहर क्वार्टर बेगमब्रिज, मनमोहन सपरा निवासी पंजाब ज्वैलर्स सदर बाजार आबूलेन, अनुराग गर्ग निवासी नेहरूनगर गढ़ रोड, आलोक रस्तोगी निवासी सेंट्रल मार्केट मेरठ, अखिलेश चौहान निवासी गाजियाबाद ने दौराला थाना क्षेत्र के समोली सलेमपुर में ऑफिस बनाकर कृषि भूमि को आवासीय कराया और लोगों को सस्ते फ्लैट देने का लालच दिया।
जीवन भर की पूंजी आशियाना पाने को लगाई, मिला धोखा मेरठ में सैकड़ों लोगों ने अपने जीवन भर की पूंजी लाखों रुपये देकर आशियाने के रूप में फ्लैट बुक किए थे। परंतु न तो फ्लैट बन सके और ना ही उनके रुपये वापस हुए। इनमें एक बिल्डर एमएलसी सरोजनी अग्रवाल के पति हैं। जिस 22 हज़ार 790 वर्ग मीटर जमीन पर फ्लैट बने थे। उसे जिलाधिकारी ने 9 फरवरी 2021 की बोर्ड बैठक में मानचित्र के भूउपयोग को निरस्त कर आवासीय से दोबारा कृषि कर दिया था।