यह भी पढ़ेंः योगेश वर्माः हस्तिनापुर का पूर्व विधायक, निष्कासन के बाद वापसी…अब मेरठ में बवाल का आरोपी एसडीएम ने मांगी थी रिपोर्ट एसडीएम ने इस मामले में आपूर्ति विभाग से रिपोर्ट मांगी, जिसकी जांच संबंधित आपूर्ति निरिक्षक धमेन्द्र कुमार वर्मा के पास थी। लोकेश का आरोप है कि धर्मेन्द्र ने रिपोर्ट लगाने की एवज में उनसे बीस हजार की मांग की। जिस पर लोकेश ने एंटी करप्शन डिपार्टमेंट में मामले की शिकायत कर दी। एंटी करप्शन की टीम ने लोकेश को कैमिकल लगे बीस हजार के नोट देकर धर्मेन्द्र से मिलने आपूर्ति कार्यालय भेजा। लोकेश से रकम लेते ही धर्मेन्द्र ने रकम को अपने निजी सहायक मयंक को सौंप दिया। एंटी करप्शन की टीम ने दोनों को रंगे हाथ दबोच लिया। टीम के अधिकारियों ने दोनों आरोपियों को सिविल लाइन थाना पुलिस को सौंपते हुए आरोपी आपूर्ति निरिक्षक धर्मेन्द्र कुमार वर्मा निवासी शास्त्रीनगर रायबरेली व उसके दलाल मयंक निवासी शिवशक्ति नगर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।