यह भी पढ़ेंः साक्षी महाराज बोले- कांग्रेस की 70 साल की राम मंदिर की राजनीति पर लगा विराम, अब एक सूत्र में है देश, देखें वीडियो गंगा के दोनों किनारों पर स्नान के लिए लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। स्नान के लिए महिलाएं ढोलक की थाप पर मंगल गीतों के साथ गंगा पर पहुंच रही थी। वहीं आसपास के क्षेत्र से भी हजारों श्रद्धालु ट्रैक्टर-ट्रालियों, भैंसा बुग्गी, कार आदि वाहनों के माध्यम से गंगा किनारे पहुंचे। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और गंगा मैया की पूजा-अर्चना की तथा फूल-प्रसाद, नारियल आदि चढ़ाए और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर घर परिवार में सुख शांति के लिए कामना की। इस मौके प्रसाद वितरण भी किया गया। इसके अलावा गंगा के अन्य घाटों पर भी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। स्नान के लिए गंगा किनारे पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। इस अवसर पर मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन किय गया। मंदिर ईष्ट देवताओं की जय-जयकार और घंटे-घडिय़ालों से गूंज उठे।
यह भी पढ़ेंः VIDEO: गुरूनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर पंजाब से आए बैंड और गतका पार्टी ने मचाई धूम लोगों ने भजन-कीर्तनों के साथ देवी-देवताओं का गुणगान किया। गंगा में स्नान को उमड़ी भीड़ को देखते हुए पुलिस व्यवस्था भी कड़ी रही। भोरकाल से ही पुलिसकर्मी गंगा नदी किनारे और आने-जाने वाले मार्गों पर तैनात रही। बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सुबह से ही गंगा पर पश्चिम उप्र के कोने-कोने से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। जहां श्रद्धालुओं ने घाट पर विशेष पूजा-अर्चना की तथा यमुना में स्नान किया। श्रद्धालुओं ने परिवार में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना भी की।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर गंगा में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। लोग मन में आस्था और विश्वास के साथ भक्ति भाव से गंगा मे स्नान करते हुए दिखाई दिए। इस दिन को दामोदर के नाम से भी जाना जाता है जो कि भगवान विष्णु का ही एक नाम है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था।