यह भी पढ़ें- जुलाई में शुरू हो जाएगा देश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य, जानिए कब तक होगा पूरा उत्तराखंड जाने वाले यात्रियों को मिलेगा जाम से छुटकारा दिल्ली से उत्तराखंड जाने वाले लोगों को दिल्ली-मेरठ हाईवे के लंबे जाम से स्थायी रूप से छुटकारा मिल गया है। बता दें कि दिल्ली-मेरठ की दूरी को कम करने के लिए 2008 में मंथन शुरू हुआ था। फिर केंद्र में 2014 में भाजपा सरकार आने के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के निर्माण की कवायद शुरू हुई। 2015 दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। पहले प्रोजेक्ट को नवंबर 2019 में पूरा करने की समय सीमा तय की गई थी, लेकिन तकनीकी कारणों और फिर कोरोना महामारी के चलते प्रोजेक्ट करीब डेढ़ साल देरी से शुरू हो सका।
टोल की दरें एक सप्ताह बाद तय दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर टोल दरों के मामले में अभी पेंच फंस हुआ है। एक्सप्रेस-वे आखिरी दोनों चरणों के शुरू होने के साथ अन्य दो चरणों में किमी के हिसाब से टोल की दरों का निर्धारण मंत्रालय स्तर से किया जाएगा। अगले सप्ताह तक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर टोल की दरें निर्धारित होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में एक्सप्रेसवे शुरू होने के साथ ही लोग कुछ दिन बगैर टोल के सफर कर सकेंगे।
वाहनों के अंदर बैठे यात्रियों तक तीसरी नजर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार और चलती हुई गाड़ी की नंबर प्लेट पर नजर रखने को कुल 170 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। कैमरों की मदद से हर पल वाहनों पर नजर रखी जा रही है। गाड़ी की स्पीड से लेकर गाड़ी में अंदर बैठे यात्री तक पर एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) कैमरों की मदद से नजर रखेगी।