रक्षाबंधन के दिन ही करीब 100 दो पहिया वाहनों के आनलाइन चालान सीसीटीवी फुटेज देखकर किए गए। हालांकि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर दो पहिया वाहनों के यात्रा करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है। लेकिन उसके बाद भी वाहन चालक मान नहीं रहे हैं। दो पहिया वाहन चालकों को इस एक्सप्रेसवे पर वाहन चलाने पर 20 हजार रुपये का चालान काटने का भी डर नहीं है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस और मेरठ ट्रैफिक पुलिस ने पिछले 20 दिन से अभियान शुरू किया हुआ है। करीब एक दर्जन दो पहिया वाहनों के 20-20 हजार रुपये के चालान भी काटे गए हैं। प्रतिबंधित होने के बावजूद एक्सप्रेसवे पर दुपहिया और तीन पहिया वाहनों को रोक पाने में एनएचएआइ और ट्रैफिक पुलिस विफल साबित हो रही थी।
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20 हजार रुपये का चालान वसूली की घोषणा से माना जा रहा था कि चालान की रकम देखकर एक्सप्रेसवे पर दुपहिया वाहनों के आवागमन पर रोक लगेगी। लेकिन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर बेधड़क दौड़ रहे दो पहिया वाहनों पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया। इसके चलते पिछले छह महीने में दर्जनों सड़क हादसे दो पहिया वाहन चालकों के साथ हो चुके हैं। जिसमें अधिकांश की जान चली गई है। हादसों को देखते हुए ही मेरठ ट्रैफिक पुलिस और गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने काशी टोल प्लाजा व डासना टोल प्लाजा पर अभियान चलाकर दो पहिया वाहन के चालान काटे और उनसे तीन लाख से अधिक का शमन शुल्क वसूला। मेरठ ट्रैफिक पुलिस ने काशी टोल प्लाजा पर टीम के साथ दो पहिया वाहन चालकों की रोकथाम के लिए अभियान चलाया। वहीं इस एक्सप्रेसवे पर कृषि वाहन भी दौ़ड़ रहे हैं। आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि अंडरपास नहीं होने के कारण उनको एक्सप्रेसवे से निकलना पड़ता है।