बड़ों को किया प्रणाम रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शताब्दीनगर में स्थित रैली स्थल पर अपने निर्धारित समय से करीब ड़ेढ़ घंटे लेट ढाई बजे वहां पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने कहा, देर से आया, लेकिन पूरी तरह से दुरुस्त आया। चार-साढ़े चार घंटे से आप यहां पर बैठे हैं। बहुत सारे बुजुर्ग भी बैठे हुए हैं। 75-76 की उम्र के बुजुर्ग भी आए हैं। बड़ों को चरणें में शीश झुकाकर प्रणाम करता हूं। बराबर वालों को नमस्कार करता हूं। भाजपा मेरठ की इस धरती को समझती है। 2014 लोकसभा चुनाव में सार्वजनिक चुनाव का शुभारंभ मेरठ से करने का तय किया गया था। 2019 में भी यह हुआ। 2014 में आपे 282 सीटें जिताई थीं। पांच साल तक प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में सरकार ने काम किया, जनता ने उस पर मोहर लगाई। 2019 में 303 सीट पर जीत दिलाकर मोदी को पीएम बनाया।
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हर कीमत पर निभाएंगे अपना वादा उन्होंने कहा, 2019 का घोषणापत्र तैयार करने की जिम्मेदारी मुझको दी गई थी। मेरठ के माध्यम से पूरे देश को यकीन दिलाना चाहता हूं, जो वादा किया है, चाहे जितनी भी कीमत चुकानी पड़े, हम पूरा करेंगे। हम दिल जीतकर राजनीति करना चाहते हैं। सरकार ने किसानों के लिए बड़े-बड़े कदम उठाए हैं। जिन किसानों का भुगतान नहीं हुआ है, उत्तर प्रदेश सरकार उनका एक-एक पैसा चुकाएगी। भाजपा ने जो भी वचन दिया है, हर वचन पूरा करेंगे। 2022 के आखिरी तक सभी को छत मिलेगी। हर घर में नल से जल पहुंचाएंगे। महात्मा गांधी का भी किया जिक्र राजनाथ सिंह बोले, हमने वादा किया था 370 समाप्त करेंगे। पहले विचार किया था, तब घोषण पत्र में शामिल किया। सरकार बनी तो चुटकी बजाते ही 370 को समाप्त कर दिया। वादा किया था कि नागरिकता का कानून लाएंगे। पिछली सरकार में राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण पारित नहीं हो सका था, इसलिए इस बार यह पेश किया गया। हमने कोई अपराध नहीं किया है। इसे हिंदू और मुसलमान के नजरिये से देखा जा रहा है। हमारा प्रधानमंत्री जाति-धर्म के आधार नहीं इंसानियत के आधार पर सोचता है। कुछ ऐसी ताकतें हैं, जो हिंदू-मुसलमान को बांटकर सत्ता का स्वाद चखती रही हैं। हमने उसकी परवाह नहीं की। लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी बता रहे थे कि महात्मा गांधी ने कहा था, धर्म के आधार भारत का विभाजन नहीं होना चाहिए लेकिन हो गया। पाकिस्तान में अगर अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न होता है तो उनके प्रति भारत को संवेदनशील होना होगा। जो महात्मा गांधी ने कहा था, वो भाजपा ने कर दिखाया। डॉ. मनमोहन सिंह ने 18 दिसंबर 2003 को कहा था, पाकिस्तान व बांग्लादेश में जिन हिंदू-सिखों का उत्पीड़न हुआ है, सरकार को उनको नागरिकता दी जानी चाहिए। जो उन्होंने कहा था, उसको हमने किया है। आज जगह-जगह नारे लग रहे हैं भारत के टुकड़े-टुकड़े होंगे। इस भारत के टुकड़े-टुकड़े करने का अधिकार किसने दिया। भारत ताकतवर हो रहा है।
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एनपीआर पर पूछा सवाल उन्होंने कहा, मैं आपके पूछना चाहता हूं कि क्या देश में एनपीआर होना चाहिए या नहीं। ये हम लोगों ने नहीं बनाया है। कांग्रेस ने 2010 में इसके संबंध में फैसला किया था। ये कहते हैं कि आप नेशनल पोप्यूलेशन रजिस्टर बना रहे हैं, फिर एनआरसी लेकर आएंगे और यहां के मुसलमानों को निकालकर देश के बाहर कर देंगे। मैं यहां के मुसलमानों को कहना चाहता हूं जो मुसलमान भारत का नागरिक है, कोई मां का लाल उसे छू नहीं पाएगा, मैंं विश्वास दिलाता हूं। यदि किसी को कोई शिकायत है तो हमारे पास आए। उस मुसलमान के साथ हम खड़े रहेंगे। हम इंसानियत को छोड़कर राजनीति नहीं कर सकते। हम राजनीति केवल सरकार बनाने के लिए नहीं करते, हम राजनीति देश बनाने के लिए करते हैं। देश को बांटकर हम राजनीति नहीं कर सकते, हम इस तरह सरकार नहीं बनाएंगे। हम इंसान और इंसान के बीच नफरत पैदा कर के राजनीति नहीं करेंगे। कांग्रेस पर साधा निशाना उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग लगातार कह रहे हैं कि देश के मुसलमानों को बाहर कर देंगे। एनआरसी लाई जा रही है, जबकि एनआरसी की कहीं चर्चा भी नहीं हुई है। एनपीआर में मैं आपको कहना चाहता हूं कि यदि आपसे कोई नाम पूछता है, जन्म तिथि पूछता है, आप जो बता देंगे वहीं लिख लिया जाएगा। आप पर कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा। एनआरसी हम लोग भारत में नहीं लेकर आए हैं। ये एनआरसी की चर्चा आजादी के समय ही आई थी। एनआरसी पर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री से उस समय बात की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर असम में एनआरसी लागू हुई। मैं आप लोगों से कहना चाहता हूं, जो ताकतें बहकावा पैदा करने की कोशिश करना चाहती हैं, उन पर ध्यान न दे। कुछ ताकते चाहती हैं कि देश में तनाव पैदा कर अपना काम करें। जिस तरह से अफगान और पाकिस्तान में हमारे अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हुआ है वह मैं यहां कहना नहीं चाहता हूं। जो शरणार्थी भारत में आए हैं उनमें अधिकांश दलित हैं। जिनका उत्पीड़न वहां हो रहा था। आप घर-घर जाइए और लोगों को बताइएं कि इन अफवाहों पर ध्यान न दें।