मेरठ

CRPF जवान के परिवार की मांग, शहीद का दर्जा मिलने के बाद ही करेंगे दाह संस्कार

Highlights:
— सीआरपीएफ जवान का शव परिजनों ने घर पर रखा
— डीएम को गांव बुलाने की मांग
— भाजपा और सपा नेताओं ने की परिजनों से मुलाकात

मेरठFeb 27, 2021 / 04:20 pm

Rahul Chauhan

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ। झारखंड में सीआरपीएफ के जवान की मौत के बाद शनिवार सुबह उनका पार्थिव शरीर थाना किठौर क्षेत्र के गांव छुछाई पहुंच गया। पार्थिव शरीर जैसे ही गांव पहुंचा माहौल गमगीन हो गया। परिजनों के चीख-पुकार मच गई। जवान की मौत के बाद परिजनों ने मांग की है कि उनको शहीद का दर्जा दिया जाए। जिसके चलते परिजनों ने पार्थिव शरीर को घर पर ही रख लिया। परिजनों की मांग है कि सोमपाल की मृत्यु को शहीद का दर्जा मिले। उनके परिवार को वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं जो एक शहीद को दी जाती है। ग्रामीणों ने डीएम को गांव में बुलाने की मांग की है।
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ग्रामीणों का कहना है कि जब तक मेरठ डीएम गांव आकर घोषणा नहीं करते तब तक वे जवान के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। गांव में अभी तक किसी भी प्रशासनिक अफसर के ना पहुंचने पर ग्रामीणों में खासा रोष है। वहीं सपा नेत्री सीमा प्रधान व भाजपा नेता कुलविंदर गुर्जर मौके पर पहुंचे और उन्होंने जवान के परिजनों को सांत्वना प्रदान की। दरअसल, गत गुरुवार रात को किठौर थाना क्षेत्र के छुछाई गांव के सीआरपीएफ जवान की संदिग्ध परिस्थियों में गोली लगने से मौत हो गयी थी। जिनका पार्थिव शरीर शनिवार तड़के किठौर थाना पहुंचा। सूचना पर परिजनों के साथ सैकड़ों ग्रामीण भी थाना जा पहुंचे। यहां पहुंचे ग्रामीणों ने सैनिक की आत्महत्या पर शक जताते हुए मामले की जांच की मांग की।
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परिजनों का कहना है कि सोमपाल होनहार था उसकी अपने बेटे अक्षित, बेटी अंशिका पत्नी से एक रात पहले बातें हुई थी। उस वक्त ऐसा नहीं लग रहा था कि सोमपाल आत्महत्या करेगा। उनकी बेटी आंशिका ने बताया कि मार्च में उनका प्रमोशन होना था इसको लेकर वह बहुत उत्साहित थे। वे ऐसा कार्य क्यों करेंगे। थाने में वार्ता के बाद परिजन शव को घर ले आये। लेकिन उनकी मांग है कि सैनिक को शहीद का दर्जा देते हुए राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए, परिवार को बीस लाख रुपये आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को नौकरी,बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त शिक्षा का प्रबंध किया जाए। मांगे पूरी नहीं होने व डीएम के मौके पर नहीं पहुंचने तक पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया।

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