बेटी अर्सिया के जन्म के बाद दिनेश ने उसके पायलट बनने का ख्वाब बुना। इसे साकार करने के लिए उन्होंने बेटी को हमेशा प्रेरित किया। अर्सिया ने हाईस्कूल की पढ़ाई होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल पंचकुला से तथा इंटरमीडिएट की पढ़ाई सेकरेड हार्ट कालेज चंडीगढ से की है। इसके बाद उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज को चुना। यहां से अर्सिया ने बीटेक करने के बाद पिता की प्ररेणा से अर्सिया ने दो सप्ताह का कोर्स कर एएफ-सीएटी कर एसएसबी ज्वाइन किया। फिर वायुसेना में पायलट बनने के लिए परीक्षा दी। लिखित परीक्षा में सफलता मिलने के बाद अर्सिया का मनोबल बढ़ गया। उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और फिर साक्षात्कार में भी सफलता हासिल की जिसमें उसका चयन फाइटर प्लेन पायलट के लिए हुआ।
अंतिम पड़ाव था मेडिकल
दिल्ली में हुए मेडिकल में भी अर्सिया सफल रही। वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में अर्सिया के चयन की सूचना जब गांव पहुंची तो बेटी की इस सफलता पर ग्रामीण फूले नहीं समाए। कर्नल दिनेश नैन परिजनों के साथ गांव पहुंचे तो पूरा गांव स्वागत के लिए उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने भव्य स्वागत करते हुए अर्सिया को फूलमालाओं से लाद दिया। ग्रामीणों का कहना है कि इस बेटी ने पूरे गांव का नाम रोशन किया है। अर्सिया की यह सफलता पूरे गांव के बच्चों के लिए प्रेरणा बनेगी।
दिल्ली में हुए मेडिकल में भी अर्सिया सफल रही। वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में अर्सिया के चयन की सूचना जब गांव पहुंची तो बेटी की इस सफलता पर ग्रामीण फूले नहीं समाए। कर्नल दिनेश नैन परिजनों के साथ गांव पहुंचे तो पूरा गांव स्वागत के लिए उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने भव्य स्वागत करते हुए अर्सिया को फूलमालाओं से लाद दिया। ग्रामीणों का कहना है कि इस बेटी ने पूरे गांव का नाम रोशन किया है। अर्सिया की यह सफलता पूरे गांव के बच्चों के लिए प्रेरणा बनेगी।