यह भी पढ़ेंः पाकिस्तानी ‘तितली’ के कारण इन 24 घंटों में यूपी समेत उत्तर भारत के राज्यों में मच सकती है तबाही, मौसम वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी अचानक गिरे तापमान से बीपी भी बढ़ा ‘तितली’ ने बारिश आैर आेले पड़ने के बाद मौसम में ऐसा परिवर्तन किया कि ठंड के कारण ब्लड प्रेशर के मरीजों में भी वृद्धि देखी गई। चिकित्सकों की दुकानों पर शाम के समय बीपी के मरीजों की भीड़ देखी गई। जिन्हें चिकित्सकों ने अचानक से मौसम में परिवर्तन से बचने की सलाह दी। डा. संजीव खरे के अनुसार बाहर का तापमान कम रहता है जबकि शरीर का भीतरी टेम्प्रेचर 37 डिग्री बनाए रखना होता है। ऐसे में हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है। इससे बीपी ज्यादा हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।
यह भी पढ़ेंः Alert: वेस्ट यूपी में कुछ ही मिनटों में खिली धूप के बाद हुआ अंधेरा फिर हुर्इ बारिश, मौसम वैज्ञानिकों ने ‘तितली’ से तबाही की बतार्इ आशंका एक ही दिन में तीन गुना हुए मरीज सुशीला जसवंत राय हार्ट सुपर स्पेश्यलिटी हाॅस्पिटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राजीव अग्रवाल के अनुसार पहले हार्ट की गंभीर बीमारियों के 2-3 मरीज हर दिन आ रहे थे, लेकिन गुरूवार को अचानक से मौसम में परिवर्तन और ठंड के कारण हार्ट के करीब 10 मरीज आ गए। आईसीसीयू में पहले जहां दो मरीज थे। गुरूवार को आईसीसीयू में 5 मरीज भरती किए गए।
यह भी पढ़ेंः Cyclone Titli: जानिए इस तूफान का नाम ‘तितली’ ही क्यों पड़ा, अन्य तूफानों के नाम भी इसी तरह रखे गए! इनका कहना है ठंड बढ़ने से 50 फीसदी से भी ज्यादा मरीज बढ़ गए हैं। ऐसे में मौसम में दिल के मरीजों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए। श्वांस रोग विशेषज्ञ डा. संजीव खरे के अनुसार अस्थमा और ब्रांकाइटिस के भी मरीजों की संख्या गुरूवार को अचानक से बढ़ गई। पहले हर हफ्ते 15-20 मरीज ही आते थे, लेकिन गुरूवार को दोपहर उन्होंने करीब तीस मरीजों का चेकअप किया। उन्होंने बताया कि वातावरण में ऑक्सीजन की कमी और ह्यूमिडिटी ज्यादा होने के कारण ये बीमारियां बढ़ी हैं।