यह भी पढ़ें: दरअसल यह रास्ता पुलिस की साइबर शाखा ( cyber branch ) ने आसान कर दिया है। साइबर बैंक फ्रॉड के मामले की शिकायत अब हेल्प लाइन नंबर 155260 पर की जा सकेगी। पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 155260 को सीधे आपात सेवा 112 ( Dial UP 112 )
से जुड़वा लिया है। यदि अब किसी व्यक्ति से साइबर अपराधी ठगी करता है और ठगी गई रकम किसी बैंक खाते में भेजी गई है, तो उस रकम को पुलिस संबंधित बैंक की मदद से खाते में ही फ्रीज करा सकेगी बाद में पीड़ित व्यक्ति अपने बैंक की मदद से इस रकम को वापस हांसिल कर सकेगा।
से जुड़वा लिया है। यदि अब किसी व्यक्ति से साइबर अपराधी ठगी करता है और ठगी गई रकम किसी बैंक खाते में भेजी गई है, तो उस रकम को पुलिस संबंधित बैंक की मदद से खाते में ही फ्रीज करा सकेगी बाद में पीड़ित व्यक्ति अपने बैंक की मदद से इस रकम को वापस हांसिल कर सकेगा।
एसपी क्राइम ( SP Crime ) रामअर्ज ने बताया कि सिटीजन फाइनेंशियल फ्राड रिपोर्टिंग सिस्टम ( Citizen Financial Fraud Reporting System ) के तहत जारी हेल्पलाइन नंबर 155260 को पुलिस की हैल्पलाइन नंबर 112 से जोड़ा गया है। अब यदि किसी व्यक्ति के साथ साइबर ठगी होती है तो वह व्यक्ति 24 घंटे के भीतर इस नंबर पर काल कर सकता है। इस नंबर पर की जानी वाली कॉल सीधे 112 से जुड़ जाएगी और उसे 112 के कॉल टेकर रिसीव करेंगे।
ऐसे हाेगा काम जब पीड़ित हेल्पलाइन नंबर कॉल करेगा तो यह कॉल यूपी 112 काे जाएगी। ऑपरेटर पीड़ित व्यक्ति से ठगी की जानकारी लेने के साथ ही उस ब्योरे को तत्काल साइबर पोर्टल पर उपलब्ध फार्म में दर्ज करेंगे। फार्म को भरते ही उस बैंक को अलर्ट पहुंच जाएगा जिसके खाते में ठगी की रकम जमा की गई है। बैंक के नोडल अधिकारी अलर्ट आने के बाद संबंधित खाते में आई रकम को फ्रीज करा देंगे। उन्होंने बताया कि यदि रकम को एक बैंक के खाते से दूसरे किसी बैंक के खाते में भेजा गया है तो संबंधित बैंक ही दूसरे बैंक को अलर्ट भेजकर उस खाते में भी रकम को फ्रीज करा देगा।
रहें सावधान
साइबर ठगी से बचने के लिए कुछ ऐसी सामान्य सी बातें हैं जो ठगी का शिकार होने से आपको बचा सकती हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि अगर आपको काेई व्यक्ति खुद काे पुलिस, बैंक अधिकारी या अन्य किसी विभाग का अधिकारी बताकर कॉल करे और आपसे आपके बैंक एकाउंट की डिटेल मांगे तो आपको कोई जानकारी नहीं नहीं देनी हैं। यदि आपको कॉलर संदिग्ध लग रहा है ताे तुरंत कॉल काे काट दें क्योंकि साइबर अपराधी से अधिक देर बात करना भी नुकसानदायक हो सकता है। अधिक देर तक कॉल कनेक्ट रहने पर यो लोग आपके फोन का डाटा भी ट्रांसफर कर सकते हैं। इसलिए अगली बार ध्यान रखें अगर आपसे काेई भी व्यक्ति फोन में आया ओटीपी और बैंक संबंधी किसी भी तरह की जानकारी मांगता हौ तो उसे काेई भी जानकारी नहीं देनी है। किसी भी उपहार या इनाम के चक्कर में भी ना आए।
साइबर ठगी से बचने के लिए कुछ ऐसी सामान्य सी बातें हैं जो ठगी का शिकार होने से आपको बचा सकती हैं। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि अगर आपको काेई व्यक्ति खुद काे पुलिस, बैंक अधिकारी या अन्य किसी विभाग का अधिकारी बताकर कॉल करे और आपसे आपके बैंक एकाउंट की डिटेल मांगे तो आपको कोई जानकारी नहीं नहीं देनी हैं। यदि आपको कॉलर संदिग्ध लग रहा है ताे तुरंत कॉल काे काट दें क्योंकि साइबर अपराधी से अधिक देर बात करना भी नुकसानदायक हो सकता है। अधिक देर तक कॉल कनेक्ट रहने पर यो लोग आपके फोन का डाटा भी ट्रांसफर कर सकते हैं। इसलिए अगली बार ध्यान रखें अगर आपसे काेई भी व्यक्ति फोन में आया ओटीपी और बैंक संबंधी किसी भी तरह की जानकारी मांगता हौ तो उसे काेई भी जानकारी नहीं देनी है। किसी भी उपहार या इनाम के चक्कर में भी ना आए।