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Cyber Crime : वैष्णों देवी के नाम पर मेरठ के कारोबारी से 1.40 करोड़ की ठगी

UP Crime : फेसबुक पर रील दिखाई कि वैष्णों देवी का सिक्का 15 लाख में हम खरीद लेंगे फिर एक-एक करके अपने खाते में डलवा ली 1.4 करोड़ की रकम।

मेरठJan 11, 2025 / 01:01 pm

Shivmani Tyagi

Cyber

UP Crime : वैष्णों देवी के प्रसाद वाले सिक्के की कीमत 15 लाख रुपये होती है! फेसबुक पर ये कथित रील दिखाकर साइबर अपराधियों ने मेरठ के एक कारोबारी को लालच के जाल में फंसाया और फिर धीरे-धीरे करके उससे 1.40 करोड़ रुपये ठग लिए। इस व्यक्ति ने पहले अपनी सारी जमा पूंजी, फिर पत्नी के सारे गहने दे दिए। इतनी रकम मिल जाने के बाद साइबर अपराधियों ने कारोबारी को जीएसटी आयकर और अन्य एजेंसियों का डर दिखाया तो इसने 20 प्रतिशत के ब्याज पर पैसा उधाकर लेकर साइबर अपराधियों के खाते में डाल दिया। इस तरह 1.40 करोड़ रुपये की रकम चली जाने के बाद इस व्यक्ति को पता चला कि इसके साथ ठगी हो गई है। अब मेरठ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है जांच की जा रही है।

फेसबुक पर रील दिखाकर किया माइंड वॉस

मेरठ के रहने वाले दीपक राज ने पुलिस को बताया कि साइबर ठगों ने पहले उसे मोबाइल फोन पर एक रील दिखाई, फेसबुक पर इस रील में दिखाया गया की वैष्णों देवी का महज पांच रुपये का सिक्का 15 लाख रुपए में बिक रहा है। इसके खरीदने वाले काफी लोग हैं। यह भी बताया कि यह खरीद पूरी तरह से आरबीआई के नियमों के तहत होती है और बिल्कुल भी गैरकानूनी नहीं है। इस तरह दीपक ने सिक्का खरीद लिया। इसके बाद दीपक राज पर एक फोन कॉल लाई और इस सिक्के की बात करते हुए कॉलर ने उसे आरबीआई की स्टांप लगा एक फॉर्म ऑनलाइन भेजा ताकि उसे विश्वास हो जाए। उस वक्त ठग ने केवल सकरारी फीस 750 रुपए बताकर पहली बार में अपने बैंक खाते में महज 750 रुपये ही ट्रांसफर कराए। जब कॉलर ने इतनी कम रकम मांगी तो दीपक राज को ऐसा लगा कि यह मामला सही है इसमें कोई फ्रॉड नहीं है। इस तरह 25 नवंबर को दीपक राज ने 750 रुपए शाइस्ता खान नाम एक मोबाइल नंबर पर भेज दिए।

कॉलर ने कहा पैसे लेकर मेरठ पहुंच गया हूं

इसके बाद अगले दिन दीपक राज को प्रवीण कुमार नाम के आदमी फोन आया। कॉलर ने कहा कि वह 45 लख रुपए लेकर मेरठ आ गया है। कंपनी से उसे परमिशन मिल गई है और यह सिक्का उनकी कंपनी को चाहिए। उसने कहा कि आपको इसके लिए हमारी कंपनी को एक वेरिफिकेशन मेल करनी होगी और आपको कंपनी के सीनियर एडवाइजर अविनाश यादव को मेल करके बताना होगा कि मैने आपसे संपर्क कर लिया है और कंपनी का आदमी पैसे लेकर मेरठ पहुंच गया है। इसके लिए आपको कंपनी के बैंक खाते में 13 हजार 700 रुपये भी भेजने होंगे जो एक प्रोसेसिंग फीस है। इस तरह दीपक राज खुश हो गया और उसने इस व्यक्ति के बताए हुए नंबर पर 13 हजार 700 रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद यह सिलसिला चलता गया और एक के बाद एक नई कहानी बताकर साइबर अपराधी दीपक राज से पैसे लेते रहे। इसके बाद साइबर अपराधियों ने कहा कि उनको इतनी बड़ी रकम मिलने जा रही है इसके लिए उन्हें आयकर फॉर्म भी भरना पड़ेगा ।

पैसे वापस मांगने पर पता चला हो गई फ्रॉड ( Cyber Crime )

इस तरह साइबर अपराधियों ने दीपक राज को अपने चंगुल में ऐसा फसाया कि वह निकल नहीं पाया और एक के बाद एक रकम उनके खाते में जमा करवाता चला गया। इस तरह साइबर अपराधियों ने दीपक राज से 1.4 करोड रुपए ले लिए। इसके बाद टीडीएस के नाम पर काफी भारी-भरकम रकम की मांग की गई। इसके बाद दीपक राज ने अपने सारे रूपए वापस देने के लिए कहा तो साइबर अपराधियों ने पैसा वापस देने से इंकार कर दिया। इस पर दीपक को समझ आ गया कि उसके साथ फ्रॉड हो गया है। वह सीधे पुलिस के पास पहुंचा। एसपी क्राइम अवनीश कुमार ने बताया कि अभी तक जितने बैंक खातों में पैसा गया है उन सभी को फ्रीज कराने की कोशिश की जा रही है।
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