जबकि देश के अधिकतर राज्यों में मानसून (Monsoon) की बारिश हो रही है। जिसके चलते कुछ राज्यों में खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है। हालांकि, कुछ राज्यों में सामान्य बारिश हुई। मेरइ और आसपास के इलाकों में धान की बंपर पैदावार होती है। लेकिन कुछ किसान मूंग, उड़द इत्यादी की भी बुवाई करते हैं। अब इन दोनों फसलों की बुवाई के लिए बहुत कम समय बचा है। इस कारण किसानों के चेहरे मायूस है। क्योंकि मानसून (Monsoon) की देरी से उनकी आय पर प्रभाव पड़ सकता है।
यह भी पढ़े : Today Petrol Diesel Price : मेरठवासी एक दिन में खपा देते हैं इतने करोड का पेट्रोल डीजल, जानिए आज का भाव कृषि वैज्ञानिक डा0 एन सुभाष ने बताया कि हालांकि इस बार प्री मानसून बारिश नहीं हुई है। जिसके कारण किसानों को बुवाई से पहले खेत जोतने में आसानी होती और धान की नर्सरी भी लगाई जाती। लेकिन इस बार प्री मानसून बारिश नहीं होने और मानसून की देरी का असर खरीफ की फसल पर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून नहीं आया तो यह खरीफ की फासल को और अधिक प्रभावित करेगा।