यह भी पढ़ेंः Raksha Bandhan 2019: इस दिशा में बैठकर बहन-भाई मनाएं त्योहार तो दोनों के लिए होगा अति शुभकारी, देखें वीडियो बहन ने ऐसे निभाई अहम भूमिका भुवनेश्वर कुमार की मेहनत आज जिस तरह सबके सिर चढ़कर बोल रही है, उसमें उनकी बड़ी बहन रेखा की मुख्य भूमिका रही। विक्टोरिया पार्क क्रिकेट एकेडमी से शुरू हुआ भुवनेश्वर का सफर अब विश्व पटल पर छा चुका है। मवाना रोड स्थित गंगा नगर कालोनी से भुवनेश्वर को लेकर एकेडमी तक लाना और फिर यहां प्रैक्टिस कराकर ले जाना बड़ी बहन रेखा की रोजाना की दिनचर्या थी। इतना ही नहीं भुवनेश्वर की प्रोग्रेस के बारे में भी वह कोच से लगातार पूछती रहती थी। कभी-कभी तो जब भुवनेश्वर के लिए क्रिकेट किट के सामानों की जरूरत होती थी। तो बहन अपनी पोकेट मनी से उसकी सहायता करती थी।
यह भी पढ़ेंः भाजपा के इस फायरब्रांड विधायक के मुकदमे होंगे वापस, शासन ने मांगी रिपोर्ट बड़ी बहन पर थी घर की जिम्मेदारी भुवनेश्वर के पिता किरनपाल सिंह पुलिस विभाग में बागपत जनपद में तैनात थे। उन्हें इतना समय नहीं मिल पाता था। बेटी रेखा और बेटे भुवनेश्वर को वह अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते थे। इसलिए 2002 में मेरठ के गंगा नगर में घर बनवाया था। भुवनेश्वर की मां इंद्रेश घर के कामों में व्यस्त रहती थी। इसलिए भुवनेश्वर की जिम्मेदारी रेखा पर थी। घर से विक्टोरिया पार्क एकेडमी छह से सात किलोमीटर दूरी पर है। तब भुवनेश्वर की सारी जिम्मेदारी बहन रेखा ने संभाल ली थी। भुवनेश्वर के कोच संजय रस्तोगी का कहना है कि भुवनेश्वर जब उनके पास आया था। तो काफी टेलेंटेड था। उसकी बहन हमेशा उसकी प्रोगेस पर डिस्कस करती थी और भुवनेश्वर को और ज्यादा मेहनत के लिए कहती थी।
यह भी पढ़ेंः #UPDusKaDum देश को आजाद कराने में मेरठ के इन 10 क्रांतिकारियों ने दिखाया था दम, जानिए इनके बारे में शादी के बाद भी किया सपोर्ट रेखा की शादी दिल्ली में हो गई, इसके बावजूद उन्होंने भुवनेश्वर को लगातार सपोर्ट किया। उस समय भुवनेश्वर यूपी रणजी ट्राफी टीम में जगह बना चुके थे। जब 2012 में भुवनेश्वर को पाकिस्तान के खिलाफ होम सीरीज में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का मौका मिला तो उस समय सबसे ज्यादा खुश होने वाली उसकी बहन रेखा ही थी। रेखा का कहना है कि अब वह चाहती हैं कि भुवनेश्वर देश के लिए खूब खेले और मैच जिताए।