यह भी पढ़ें- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान में अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक तैनात रहेंगी महिलाएं पहले सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों, 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 से 59 वर्ष तक के असाध्य रोगियों का ही वैक्सीनेशन किया जा रहा था। मगर, अब वैक्सीनेशन में दायरा बढ़ाए जाने से नेत्रहीन, बधिर, मानसिक रूप से दिव्यांग और एसिड अटैक पीडि़त भी वैक्सीन लगवा सकेंगे।
दिव्यांगों को टीका लगना बहुत जरूरी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. प्रवीण गौतम ने बताया कि ऐसे दिव्यांगों का टीकाकरण बहुत जरूरी था। अन्यथा कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत चेन नहीं बन सकती थी और दोबारा यह संक्रमण फैल सकता था। सरकार ने जो कदम उठाया है, वह स्वागत योग्य है। इससे दिव्यांग भी कोरोना के खिलाफ खुद को सुरक्षित और मजबूत बना सकेंगे।
अब 20 गंभीर बीमारियों के मरीजों को लगेगी वैक्सीन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. प्रवीण गौतम कहते हैं कि केंद्र सरकार ने पहले सिर्फ पांच गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को ही वैक्सीन देने का ऐलान किया था, लेकिन अब यह संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई है। इससे ज्यादातर असाध्य रोगी वैक्सीनेशन अभियान में कवर हो रहे हैं।