विशाल ने बताया कि इसी के तहत उसने फरवारी में 2 लाख 55 हजार 225 रुपये का व्यापार किया जो पेटीएम के खाते में पहुंच गया। लेकिन यह पेमेंट आज तक उसकी फर्म के खाते में नहीं आया। विशाल ने कई बार पेटीएम में इसकी शिकायत की। लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आ रहा था। इस बीच 23 फरवरी 2019 को एक व्यक्ति उसके पास आया और धमकी दी कि हम पैसा वापस नहीं करते हैं। इश दौरान दोनों के बीच मारपीट भी हुई। इसके बाद उसने पुलिस में इसकी कंप्लेन की। लेकिन उसे पैसा नहीं लौटाया गया।
इस मामले की शिकायत सीजेएम न्यायालय में की। मामले में धारा 156(3) के तहत कार्रवाई शुरू हुई। जिसमें सुनवाई के बाद सीजेएम स्नेहलता ने थानाध्यक्ष कंकरखेड़ा को आदेश दिया कि पेटीएम के निदेशक विजय शेखर शर्मा सहित अन्य के खिलाफ उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जांच करें। साथ ही मुकदमें की कॉपी कंकर खेड़ा थाने भी पहुंचाई गई।