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मेरठ के सिविल लाइन इलाके के स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बरसों से बड़ी संख्या में चमगादड़ इसी तरह पेड़ों पर रहते आ रहे हैं। मेरठ में एसएसपी निवास के पास पेड़ों पर उल्टे लटके इन चमगादड़ को देखकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, चमगादड़ एक शांत प्राणी है। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक चमगादड़ को जंगल का किसान भी कहा जाता हैं। यह फल फ्रूट खाकर अपना पेट भरता है। दरअसल, यह परागण में अहम भूमिका निभाते हैं। गूलर, अमरूद, कदम आदि के फलों को खाने के बाद ये जंगल में परागण करते हैं। इससे वहां नए पौधे तैयार हो जाते हैं।
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अब सवाल ये पैदा होता है कि जब यह जीव प्रकृति प्रेमी हैं, फिर इस जीव से डर क्यों फैल रहा है। दरअसल, चमगादड़ प्रकृति के लिए अनुकूल होते हुए भी इस जीव के बारे में ढेरों अफवाहें हैं। लोग अक्सर चमगादड़ को नकारात्मक ऊर्जा, भूतप्रेत आदि से जोड़कर देखते हैं। इस बीच जब चीन में कोरोना वायरस से महामारी फैली तो इसके साथ यह भी खबर आई कि यह जानलेवां बीमारी चमगादड़ का सूप पीने से फैला है। इसके बाद लोगों में चमगादड़ को लेकर दहशत इस कदर फैली कि एक युवक ने चमगादड़ को पीट-पीटकर मारना शुरू कर दिया।