मेरठ

कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद बेटे ने कहा- अब किसी के साथ न हो ऐसी लापरवाही

Highlights

परिजनों ने लगाया स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप
सीएमओ से लेकर डीएम तक लगाई थी इलाज के लिए गुहार
स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्ग की पहली कोरोना रिपोर्ट बताई निगेटिव

 

मेरठApr 27, 2020 / 05:58 pm

sanjay sharma

मेरठ। जान गंवाने वाले कोरोना पॉजिटिव किराना व्यापारी के बेटे ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए भावुक अपील की है। उसने कहा है कि लापरवाही के कारण पिता की जान चली गई, लेकिन आगे से किसी के साथ ऐसा न हो, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसका ख्याल रखे। उसने कहा कि मेरे पिता तो वापस नहीं आएंगे, लेकिन भगवान न करे किसी दूसरे के साथ ऐसा घटित हो।
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बता दें कि केसरगंज में दुकान चलाने वाले किराना व्यापारी की शनिवार रात अस्पताल में कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई थी। मौत के बाद उनके एक परिजन ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से किराना व्यापारी की मौत हुई है। उनकी मौत के अगले दिन रविवार को उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। अब मामले में अपनी गर्दन फंसती देख मेडिकल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि उनकी पहली रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, इसलिए उनकी जांच शुरू नहीं हुई। जबकि मृतक किराना व्यापारी के परिजनों का दावा है कि बुधवार को उनका सैंपल लिया गया था, लेकिन शाम को उनकी मौत के समय तक भी उन्हें रिपोर्ट के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई। वहीं मृतक के बेटे ने पिता की मौत के बाद पूरा घटनाक्रम बताया। उसने बताया कि पिता को 19 अप्रैल को बुखार हुआ था, उन्हें निजी डॉक्टर के यहां दिखाया गया, लेकिन उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि हमें मरीज देखने की अनुमति नहीं है। जिसके बाद हमने उन्हें जिला अस्पताल में दिखाया। वहां भी इलाज करने से इनकार करते हुए दो दिन की दवाई देकर घर भेज दिया गया।
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इसके बाद बीते मंगलवार को एंबुलेंस रात के साढ़े ग्यारह बजे मम्मी पापा को साथ लेकर मेडिकल आ गई। उसके बाद रात को डेढ़ बजे उन्हें दवाई देकर फिर घर भेज दिया गया। रात को डेढ़ बजे मेरे बुजुर्ग मां बाप पैदल ही घर पहुंचे। बेटे ने आरोप लगाया कि इंसानियत के नाते उन्हें रात को भर्ती किया जा सकता था, लेकिन मेडिकल प्रशासन लगातार लापरवाह बना रहा। बेटे ने बताया कि अगर समय से मेरे पिता का इलाज किया जाता तो उनकी जान बच सकती थी, मैं नहीं चाहता कि अब किसी और की जान इसी तरह जाए।

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