यह भी पढ़ेंः ट्रक ने पुलिस की गाड़ी में मारी टक्कर, सिपाही की मौत, दरोगा समेत तीन घायल उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि मोदी ने अजित पंवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर उसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री बनने के बाद बधाई देने में जल्दबाजी कर दी। अजीत पंवार पर भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के आरोप ये साबित करते हैं कि उनको फंसाने के लिए ऐसा किया गया। क्या भाजपा को समर्थन देते ही अजीत का भ्रष्टाचार ईमानदारी में बदल गया।
यह भी पढ़ेंः मायावती के कभी चहेते रहे पूर्व विधायक ने शुरू किया ‘बसपा छोड़ो’ अभियान, इन्होंने छोड़ी पार्टी, देखें वीडियो उन्होंने कहा कि अगर अजीत पंवार भष्ट्र थे तो उनके साथ भाजपा क्यों खड़ी हुई और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनको बधाई क्यों दी। मोदी और शाह ने ये साबित कर दिया कि वे जीरो टॉलरेंस करेप्शन पर जो नाटक रचते हैं वो सर्वथा झूठ और फरेब की सोच है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र मामले में लोकतंत्र की एक बड़ी विजय हुई है। देश के सर्वोच्च न्यायालय के हस्ताक्षेप से यह साबित होता है कि कोई भी अहंकारी व्यक्ति कितनी बड़ी पोस्ट पर बैठा हो, वह भारत की न्याय व्यवस्था को खत्म नहीं कर सकता। महाराष्ट्र की जनता और पूरे देश की जनता के सामने आज खुलकर ये बात सामने आ गई। अब तीनों पार्टियों के लिए महाराष्ट्र की जनता के लिए और वहां के किसानों के लिए सोचना चाहिए।