यह भी पढ़ें- कहीं आपका ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी तो नहीं, घर बैठे ऑनलाइन ऐसे पता करें बता दें कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति की बैठक भी हो चुकी है। कमेटी भी बना दी गई है, ताकि शासन की गाइडलाइन जारी होने के सप्ताहभर के भीतर टाइम टेबल जारी किया जा सके। यूजी-पीजी की परीक्षाओं को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने मंथन तेज कर दिया है। कोरोना महामारी के मद्देनजर शासन ने एक विषय के कई प्रश्नपत्रों को मिलाकर एक करने, तथा बहुविकल्पीय प्रश्नों को ओएमआर आधारित परीक्षा प्रणाली अपनाने का भी सुझाव दिया गया है।
दरअसल, कोरोना महामारी के चलते सत्र-2019-20 भी स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष को छोड़कर अन्य वर्ष के विद्यार्थियों को बगैर परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया था। ऐसे में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को इस आधार पर द्वितीय वर्ष में प्रमाेट किया गया था कि अगले सत्र में द्वितीय वर्ष की परीक्षा के आधार पर उन्हें प्रथम वर्ष में औसत अंक दे दिया जाएगा। अब इन्हें यदि द्वितीय वर्ष में प्रमोट कर दिया गया तो दो वर्ष का अंक कहां से आएगा।
तृतीय वर्ष में तीन विषय से एक विषय हो जाता है। इसे देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग इस बार स्नातक तृतीय वर्ष के साथा द्वितीय वर्ष की भी परीक्षा कराने का सिफारिश की है। इसी प्रकार विश्वविद्यालय प्रथम या तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा करा चुके हैं। उन्हें बगैर परीक्षा अगले सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया जाएगा। हालांकि इस संबंध में शासन की ओर से गाइडलाइन नहीं जारी की गई है।