ऐसे में सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बनेगी। ग्रहण वाले दिन शनि कुंभ राशि में पंचम और मिथुन राशि में नवम भाव पर विनाशकारी योग बना रही है। चंद्र ग्रहण का ऐसा संयोग अशुभ माना गया है। चंद्र ग्रहण के समय मंगल और गुरु जैसे प्रमुख ग्रह वक्री अवस्था में हांगे। कल कार्तिक पूर्णिमा की शाम को चंद्रग्रहण शाम 4.23 बजे अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में दिखेगा। जबकि देश के अन्य शहरों में चंद्रग्रहण आंशिक रुप से दिखाई देगा। चंद्रग्रहण शाम को 6.19 बजे खत्म होगा। जबकि 7.26 बजे तक उपच्छाया चंद्र ग्रहण रहेगा।
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चंद्रग्रहण के समय इस तरह का अदभुद संयोग 2012 और उससे पहले 1994 में बना था। 2012 में 13 नवंबर दिवाली पर सूर्य ग्रहण और 28 नवंबर को देव दिवाली पर चंद्र ग्रहण लगा था। उससे पहले 1994 में 3 नवंबर को दिवाली पर सूर्य ग्रहण और 18 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगा था। इसके बाद ये संयोग अब 18 साल बाद बनेगा। यानी 2040 में 4 नवंबर को दिवासी पर आंशिक सूर्य ग्रहण और 18 नवंबर को देव दिवाली पर पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा।