यह भी पढ़ेंः पुलिस की टीम जब यहां छापा मारा तो मच गर्इ अफरातफरी, हो रहा था यह काम … असुरक्षित कब्रिस्तानों की यह वजह महानगर के अधिकांश कब्रिस्तान में चाहरदीवारी न होने से वह सुरक्षित नहीं है। जिन कब्रिस्तानों की चारदीवारी हो भी रही है वह भी टूट गई है। टूटी चारदीवारी की कोई मरम्मत भी नहीं कराई जाती। मेरठ के कब्रिस्तान का रखरखाव वक्फ बोर्ड कराता है या फिर जिन बिरादरी के कब्रिस्तान होते हैं उस बिरादरी के जिम्मेदार लोग कब्रिस्तान की टूट-फूट या उसकी सुरक्षा का जिम्मा लेते हैं, लेकिन मेरठ के अधिकांश कब्रिस्तानों की चारदीवारी टूटी हुई है। जिस कारण कोई भी आराम से घुस सकता है।
यह भी पढ़ेंः Honour Killing: एनसीसी कैडेट की हत्या कर शव बिटौड़े में जलाया तांत्रिकों की नजर होती बच्चों के शवों पर मेरठ में तंत्र-मंत्र करने वालों का कारोबार काफी बड़ा है। ऐसे लोग भी तंत्र क्रिया करने के लिए बच्चों के शव का प्रयोग करते हैं। इन लोगों की नजर बच्चे के शव पर होती है। इन तंत्र क्रिया करने वाले लोगों के एजेंट कब्रिस्तान के चारों ओर फैले रहते हैं और जैसे ही कोई बच्चे का शव आता है। ये लोग तंत्र क्रिया करने वाले तांत्रिक को बता देते हैं। जिस पर तांत्रिक अपने लोगों को लगाकर मौका देखते ही शव को कब्र से बाहर निकलवा लेता है। अधिकांश कब्रिस्तान में शवों दफनाने के बाद उसके बाद उनकी सुरक्षा के लिए न तो कोई चौकीदार तैनात किया जाता है और चारदीवारी न होने से कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं होती।