इस पर बड़े चौधरी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर जनता की मांग न्यायोचित ठहराया था। इस पत्र की प्रतिलिपि बड़े चौधरी ने हाईकोर्ट बैंच की संघर्ष समिति मेरठ को भी भेजी थी। चौधरी चरण सिंह किसान राजनीति के क्षीतिज पर लगभग पांच दशक तक छाए रहे। वह कृषि अर्थव्यवस्था की गहरी समझ रखने वाले उच्च कोटि के विद्धान, लेखक एवं अर्थशास्त्री थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी अपनी पहचान है।
चौधरी चरण सिंह ने गाजियाबाद में वकालत शुरू की थी। वे 1929 में कांग्रेस में शामिल हुए। महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया और तीन बार जेल भी गए। उन्होंने सरकारी नौकरियों में कृषकों और कृषि मजदूरों के बच्चों के लिए 50 फीसदी आरक्षण की मांग की थी। उसके बाद से आज तक पश्चिम यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग लगातार चली आ रही है।
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