मेरठ

CCSU Meerut : मौसम की सटीक जानकारी और परिवहन की समस्या को हल करेगा टाइप-2 फजी सिस्टम

CCSU Mathematics Department चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ का गणित विभाग ने एक ऐसे फजी सिस्टम का पेटेंट करवाया हो जो कि मौसम की सटीक जानकारी के साथ ही सड़क पर परिवहन की समस्याओं को सभी चुटकियों में हल करेगा। टाइप-2 न्यूरो फजी सिस्टम के नाम से इसका पेटेंट कराया गया है। टाइप-2 न्यूरो फजी सिस्टम को गणित विभाग के प्रो0 मुकेश शर्मा ने इजाद किया है। टाइप-2 न्यूरो फजी सिस्टम के पेटेंट होने पर विवि की वीसी प्रो0 संगीता शुक्ला ने शुभकामनाएं दी हैं।

मेरठSep 03, 2022 / 08:15 pm

Kamta Tripathi

CCSU Meerut : मौसम की सटीक जानकारी और परिवहन की समस्या को हल करेगा टाइप-2 फजी सिस्टम

CCSU Mathematics Department मेरठ चौधरी चरण सिंह विवि के गणित विभाग के प्रोफेसर मुकेश शर्मा ने एक ऐसा सिस्टम इजाद किया है। जिससे मौसम विभाग की सटीक जानकारी के साथ ही परिवहन की भी काफी समस्याएं आसानी से हल हो सकेगी। मौसम में कब बदलाव आ रहे हैं। गणित के अनुसार आने वाला मौसम कैसा होगा। इसी के साथ सड़क पर चलते हुए आने वाले टोल प्लाजा पर क्या स्थिति होगी और हाइवे पर परिवहन की क्या स्थिति है इन सब की जानकारी टाइप-2 न्यूरो फजी से मिल सकेगी। इस पेटेंट में, टाइप-2 न्यूरो फजी सिस्टम को विकसित करने के लिए पारंपरिक फजी लॉजिक और न्यूरो फजी सिस्टम की अवधारणा का सामान्यकृत किया गया है। प्रस्तावित प्रणाली की मदद से मौसम और परिवहन की समस्याओं से अधिक उपयुक्त तरीके से निपटने में सक्षम होगे। प्रास्तावित टाइप-2 न्यूरों फजी सिस्टम प्रणाली का लाभ यह है कि यह उच्च अनिश्चित्ता की प्रतिपूर्ति के हेतू प्रदर्शन में सुधार कर सकता है। इस प्रणाली के माध्यम में रेखीय एवं गैर-रेखिय परिवहन समस्याओं से भलीभॅाति निपट सकेगें। इससे दृष्टिकोण को सही ठहराने के लिए संख्यात्मक परीक्षण किये है। मौजूदा परिवहन समस्याओं में केवल समय अथवा लागत को कम करने हेतु तकनीकी उपलब्ध है।
इस माडल में गंतव्य दूरी को कम समय करने का प्रयास किया गया है। प्रस्तुत तकनीकि मौसम स्थिति का सफल परीक्षण कर सकती है। पेंटेंट होने पर गणित विभाग के सभी शिक्षकों ने प्रो0 मुकेश शर्मा को बधाई दी। वहीं दूसरी ओर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ गणित विषय में दो एमओयू हस्ताक्षरित हुए। पहला एमओयू विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूट फोर एडवांसमेंट ऑफ वैदिक मैथमेटिक्स के बीच हुआ। यह वैदिक गणित का उच्च स्तरीय संस्थान है जिसमें लगभग 16 से 17 देशों जैसे यूके, यूएसए, साउथ अफ्रीका, नीदरलैंड, फिलिपिंस इत्यादि में उनके प्रतिनिधि कार्य कर रहे हैं। अब भारत में हमारा विश्वविद्यालय इनके साथ मिलकर वैदिक गणित में नए शोध कार्य को क्रियान्वित करेगा। अब विदेशी भी वैदिक गणित के महत्व को पहचान रहे हैं। जिसका उदाहरण जेम्स ग्लोवर में वैदिक गणित के सूत्रों के उच्चारण से किया।
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यह वैदिक गणित संस्थान शोध कार्य के लिए देश-विदेश में जाना जाता है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर संगीता शुक्ला ने विश्वविद्यालय की ओर से चेयरमैन जेम्स ग्लोवर ने इसे हस्ताक्षरित किया। इस एमओयू के अंतर्गत दोनों संस्थान के शिक्षक एवं शोधार्थी आपसी तालमेल करके वैदिक गणित के नए आयामों पर कार्य करेंगे। विश्वविद्यालय और संस्थान मिलकर नए अनुसंधान परियोजनाओं पर कार्य करेंगे जिससे भविष्य में शोध के कार्य को आगे बढ़ाया जा सके। आपसी सहमति से जो भी शोध कार्य किया जाएगा उसे उच्च स्तरीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किया जाएगा।

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