विजीलेंस टीम ने कालेज की संबद्धता के मामले में जांच की तो पता चला कि मौके पर रुद्राक्ष इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाॅजी कालेज में भवन नहीं मिला। जबकि इस कालेज को विश्वविद्यालय की संबद्दता प्रदान कर दी गर्इ थी। विजीलेंस टीम का कहना है कि प्रो. एसके काक ने स्ववित्त पोषित संस्थानों को संबद्धता दिए जाने में नियमों का उल्लंघन किया गया है, जबकि मौजूदा वीसी प्रो. एनके तनेजा उस समय गठित किए गए निर्णायक मंडल में संयोजक के तौर पर इस कालेज का निरीक्षण करने के लिए अकेले गए थे। इनके अलावा विश्वविद्यालय के अन्य 11 लोगों को भी इस संबद्धता के मामले में विजीलेंस ने दोषी माना है। विजीलेंस ने इन 13 लोगों के खिलाफ शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी है, ताकि आरोप पत्र दाखिल हो सके आैर इनके खिलाफ कार्रवार्इ हो सके।
यह भी पढ़ेंः मैंगो पार्टी में मेहमानों की भीड़ से भाजपा के फायरब्रांड विधायक संगीत सोम हुए खुश, अगले लोक सभा चुनाव पर दिया बड़ा बयान संबद्धता मामले में ये हैं आरोपी विश्वविद्यालय से कालेज की संबद्धता के संबंध में विजीलेंस ने जिन 13 लोगों को आरोपी बताया है उनमें पूर्व वीसी प्रो. एसके काक, पूर्व कुलसचिव वीके सिन्हा व प्रभात रंजन, पूर्व उप कुल सचिव प्रशासन नारायण प्रसाद, पूर्व उप कुलसचिव प्रशासन रामकुमार, पूर्व सहायक लेखा अधीक्षक हरवंश लाल, पूर्व वरिष्ठ सहायक अरविंद कुमार, वित्त नियंत्रक अतुल कुमार, डा. शिखा चतुर्वेदी, एसएस शर्मा, शिव कुमार गुप्ता, रुद्राक्ष इंस्टीट्यूट के सचिव अमित गिरि, मौजूदा वीसी प्रो. एनके तनेजा शामिल हैं।